अतिसुन्दर प्रार्थना..

🔔   अतिसुन्दर प्रार्थना   🔔 

          सुकून उतना ही देना,
  प्रभु जितने से जिंदगी चल जाए,
     औकात बस इतनी देना, कि,
        औरों  का भला हो जाए,
    रिश्तो में गहराई इतनी हो, कि,
          प्यार से निभ जाए,
    आँखों में शर्म इतनी देना, कि,
       बुजुर्गों का मान रख पायें,
     साँसे पिंजर में इतनी हों, कि,
        बस नेक काम कर जाएँ,
          बाकी उम्र ले लेना, कि,
      औरों पर बोझ न बन जाएँ


ऐसा है हमारे कान्हा का प्यार, ..

एक पंडित था, वो रोज घर घर जाके भगवत गीता का पाठ करता था |

एक दिन उसे एक चोर ने पकड़ लिया और उसे कहा तेरे पास जो कुछ भी है मुझे दे दो ,
तब वो पंडित जी बोला की बेटा मेरे पास कुछ भी नहीं है,
तुम एक काम करना मैं यहीं पड़ोस के घर मैं जाके भगवत गीता का पाठ करता हूँ,

वो यजमान बहुत दानी लोग हैं, जब मैं कथा सुना रहा होऊंगा
तुम उनके घर में जाके चोरी कर लेना!

चोर मान गया
अगले दिन जब पंडित जी कथा सुना रहे थे तब वो चोर भी वहां आ गया तब पंडित जी बोले की यहाँ से मीलों दूर एक गाँव है वृन्दावन, वहां पे एक लड़का आता है जिसका नाम कान्हा है,वो हीरों जवाहरातों से लदा रहता है,

अगर कोई लूटना चाहता है तो उसको लूटो वो रोज रात को इस पीपल के पेड़ के
नीचे आता है,।
जिसके आस पास बहुत सी झाडिया हैं चोर ने ये सुना और ख़ुशी ख़ुशी वहां से चला गया!

वो चोर अपने घर गया और अपनी बीवी से बोला आज मैं एक कान्हा नाम के बच्चे को
लुटने जा रहा हूँ ,
मुझे रास्ते में खाने के लिए कुछ बांध कर दे दो ,पत्नी ने कुछ सत्तू उसको दे दिया
और कहा की बस यही है जो कुछ भी है,

चोर वहां से ये संकल्प लेके चला कि अब तो में उस कान्हा को लुट के ही आऊंगा,

वो बेचारा पैदल ही पैदल टूटे चप्पल में ही वहां से चल पड़ा,
रास्ते में बस कान्हा का नाम लेते हुए, वो अगले दिन शाम को वहां पहुंचा जो जगह उसे
पंडित जी ने बताई थी!

अब वहां पहुँच के उसने सोचा कि अगर में यहीं सामने खड़ा हो गया तो बच्चा मुझे देख कर
भाग जायेगा तो मेरा यहाँ आना बेकार हो जायेगा,
इसलिए उसने सोचा क्यूँ न पास वाली झाड़ियों में ही छुप जाऊँ,
वो जैसे ही झाड़ियों में घुसा, झाड़ियों के कांटे उसे चुभने लगे!

उस समय उसके मुंह से एक ही आवाज आयी...
कान्हा, कान्हा , उसका शरीर लहू लुहान हो गया पर मुंह से सिर्फ यही निकला,
कि कान्हा आ जाओ! कान्हा आ जाओ!

अपने भक्त की ऐसी दशा देख के कान्हा जी चल पड़े
तभी रुक्मणी जी बोली कि प्रभु कहाँ जा रहे हो वो आपको लूट लेगा!

प्रभु बोले कि कोई बात नहीं अपने ऐसे भक्तों के लिए तो मैं लुट जाना तो क्या
मिट जाना भी पसंद करूँगा!

और ठाकुर जी बच्चे का रूप बना के आधी रात को वहां आए वो जैसे ही पेड़ के पास पहुंचे
चोर एक दम से बहार आ गया और उन्हें पकड़ लिया और बोला कि
ओ कान्हा तुने मुझे बहुत दुखी किया है, अब ये चाकू देख रहा है न, अब चुपचाप अपने
सारे गहने मुझे दे दे...
कान्हा जी ने हँसते हुए उसे सब कुछ दे दिया!

वो चोर हंसी ख़ुशी अगले दिन अपने गाँव में वापिस पहुंचा,
और सबसे पहले उसी जगह गया जहाँ पे वो पंडित जी कथा सुना रहे थे,

और जितने भी गहने वो चोरी करके लाया था उनका आधा उसने पंडित जी के
चरणों में रख दिया!

जब पंडित ने पूछा कि ये क्या है, तब उसने कहा आपने ही मुझे उस कान्हा का पता दिया था
मैं उसको लूट के आया हूँ, और ये आपका हिस्सा है , पंडित ने सुना और उसे यकीन ही
नहीं हुआ!

वो बोला कि मैं इतने सालों से पंडिताई कर रहा हूँ
वो मुझे आज तक नहीं मिला, तुझ जैसे पापी को कान्हा कहाँ से मिल सकता है!

चोर के बार बार कहने पर पंडित बोला कि चल में भी चलता हूँ तेरे साथ वहां पर,
मुझे भी दिखा कि कान्हा कैसा दिखता है, और वो दोनों चल दिए!

चोर ने पंडित जी को कहा कि आओ मेरे साथ यहाँ पे छुप जाओ,
और दोनों का शरीर लहू लुहान हो गया और मुंह से बस एक ही आवाज निकली
कान्हा, कान्हा, आ जाओ!

ठीक मध्य रात्रि कान्हा जी बच्चे के रूप में फिर वहीँ आये ,
और दोनों झाड़ियों से बहार निकल आये!

पंडित जी कि आँखों में आंसू थे वो फूट फूट के रोने लग गया, और जाके चोर के चरणों में गिर गया और बोला कि हम जिसे आज तक देखने के लिए तरसते रहे,
जो आज तक लोगो को लुटता आया है, तुमने उसे ही लूट लिया तुम धन्य हो,
आज तुम्हारी वजह से मुझे कान्हा के दर्शन हुए हैं,
तुम धन्य हो......!!

ऐसा है हमारे कान्हा का प्यार, अपने सच्चे भक्तों के लिए ,
जो उसे सच्चे दिल से पुकारते हैं, तो वो भागे भागे चले आते हैं.....!!
प्रेम से कहिये श्री राधे ~ हे राधे ! जय जय श्री राधे-----
मेरो तो गिरधर-गोपाल, दूसरो न कोई
!!!! ॐ नमोः भगवतेः वासुदेवायः !!!!
!!!! श्री राधा कृष्णाय नमः !!!!
!!!! जय जय श्री राधे कृष्ण !!!!
!!!! जय राधे राधे दिल से !!!!

देने वाला कौन??

देने वाला कौन??

एक लकड़हारा रात-दिन लकड़ियां काटता,
मगर कठोर परिश्रम के बावजूद उसे आधा पेट भोजन ही मिल पाता था।
एक दिन उसकी मुलाकात एक साधु से हुई।
लकड़हारे ने साधु से कहा कि जब भी आपकी प्रभु से मुलाकात हो जाए,
मेरी एक फरियाद उनके सामने रखना और मेरे कष्ट का कारण पूछना..
कुछ दिनों बाद उसे वह साधु फिर मिला।
लकड़हारे ने उसे अपनी फरियाद की याद दिलाई तो साधु ने कहा कि---
प्रभु ने बताया हैं कि लकड़हारे की आयु 60 वर्ष हैं
और उसके भाग्य में पूरे जीवन के लिए सिर्फ पाँच बोरी अनाज हैं,
इसलिए प्रभु उसे थोड़ा अनाज ही देते हैं ताकि वह 60 वर्ष तक जीवित रह सके।
समय बीता। साधु उस लकड़हारे को फिर मिला तो लकड़हारे ने कहा---
ऋषिवर...!! अब जब भी आपकी प्रभु से बात हो तो मेरी यह फरियाद उन तक पहुँचा देना
कि वह मेरे जीवन का सारा अनाज एक साथ दे दें,
ताकि कम से कम एक दिन तो मैं भरपेट भोजन कर सकूं।
अगले दिन साधु ने कुछ ऐसा किया कि लकड़हारे के घर ढ़ेर सारा अनाज पहुँच गया।
लकड़हारे ने समझा कि प्रभु ने उसकी फरियाद कबूल कर उसे उसका सारा हिस्सा भेज दिया हैं।
उसने बिना कल की चिंता किए, उसने सारे अनाज का भोजन बनाकर फकीरों और
भूखों को खिला दिया और खुद भी भरपेट खाया।लेकिन अगली सुबह उठने पर उसने
देखा कि उतना ही अनाज उसके घर फिर पहुंच गया हैं।उसने फिर गरीबों को खिला दिया।
फिर उसका भंडार भर गया। यह सिलसिला रोज-रोज चल पड़ा और
 लकड़हारा लकड़ियां काटने की जगह गरीबों को खाना खिलाने में व्यस्त रहने लगा।
कुछ दिन बाद वह साधु फिर लकड़हारे को मिला तो लकड़हारे ने कहा---
ऋषिवर ! आप तो कहते थे कि मेरे जीवन में सिर्फ पाँच बोरी अनाज हैं,
लेकिन अब तो हर दिन मेरे घर पाँच बोरी अनाज आ जाता हैं।साधु ने समझाया,
तुमने अपने जीवन की परवाह ना करते हुए अपने हिस्से का अनाज गरीब व भूखों को खिला दिया,
इसीलिए प्रभु अब उन गरीबों के हिस्से का अनाज तुम्हें दे रहे हैं।
सार-किसी को भी कुछ भी देने की शक्ति हम में है ही नहीं ,
हम देते वक्त ये सोचते हैं, की जिसको कुछ दिया तो ये मैंने दिया!
दान, वस्तु, ज्ञान, यहाँ तक की अपने बच्चों को भी कुछ देते दिलाते हैं
तो कहते हैं मैंने दिलाया, ।
 वास्तविकता ये है कि वो उनका अपना है आप को सिर्फ परमात्मा ने निहित मात्र बनाया हैं
उन तक उनकी जरूरतों को पोहचाने के लिये
तो निहित होने का घमंड कैसा??

સરળ છે...



ડોક્ટર થવું સરળ છે.
સી.એ થવું સરળ છે. 
એન્જીનીર થવું સરળ છે.
પણ "સરળ " થવુ 
બહુ અઘરું છે.

हावड़ा ब्रिज के बारे में तथ्य – Fact about Howrah Bridge

हावड़ा ब्रिज के बारे में तथ्य – Fact about Howrah Bridge
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1. हावड़ा ब्रिज हुगली नदी पर बना एक बहुत ही मशहूर पुल है जो पश्चिम बंगाल के दो बड़े शहरों हावड़ा और कोलकाता को जोड़ता है। यह कोलकाता की संस्कृति का प्रतीक बन चुका है।

2. यह दुनिया का सबसे व्यस्त (Busiest) पुल है।

3. यह पुल/सेतु 2,313 फ़ीट लम्बा और 269 फ़ीट ऊँचा है। इसकी चौड़ाई 71 फ़ीट है, जिसमें दोनों तरफ 15-15 फ़ीट चौड़े दो फूटपाथ भी हैं।

4. यह पुल 73 साल पुराना है। इसे बनने में लगभग 6 साल लगे। 3 फ़रवरी, 1943 में इसका इस्तेमाल शुरू हुआ, जो आज तक जारी है।

5. हावड़ा ब्रिज पर हर रोज 1 लाख से भी ज्यादा गाड़ियाँ गुजरती हैं और 1.5 लाख पैदलयात्री (वर्तमान में इससे भी ज्यादा) इस पर चलते हैं।

6. इसकी क्षमता 60,000 टन वजन सहने की है। लेकिन बढ़ती जनसंख्या ने ट्रैफिक को इतना बढ़ा दिया कि आज हावड़ा ब्रिज पर हर समय 90,000 टन का वजन रहता है। इसीलिए कई ट्रामों और ज्यादा वजनी ट्रकों को दूसरे रास्तों या पुलों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।

7. यह पूरा पुल उच्च-तन्य मिश्रधातु (High-tensile alloy) स्टील का बना हुआ है, जिसे Tiscrom कहा जाता है।

8. इसे बनाने में 26,500 टन स्टील खपत हुई थी, जिसमें से 87% स्टील ‘टाटा स्टील कम्पनी’ द्वारा ख़रीदा गया था।

9. इस परियोजना (Project) के लिए सारी स्टील इंग्लैंड से लायी जा रही थी। लेकिन जापान के धमकी की वजह से सिर्फ 3000 टन स्टील ही लाया जा सका। बाकि स्टील की खरीद ‘टाटा स्टील’ से की गयी।

10. आज जहाँ हावड़ा ब्रिज है दरअसल वहाँ कभी पोंटून (Pontoon) सेतु था, जिसे विकसित करके हावड़ा ब्रिज बनाया गया।

11. शुरुआत में इसका नाम ‘न्यू हावड़ा ब्रिज’ था। 14 जून, 1965 में बंगला साहित्य के महान कवि; प्रथम एशियाई और प्रथम भारतीय नोबेल पुरष्कार विजेता ‘रवींद्रनाथ टैगोर’ के सम्मान में इसका नाम बदलकर ‘रवीन्द्र सेतु’ कर दिया गया। लेकिन यह आज भी हावड़ा ब्रिज के नाम से ही जाना जाता है।

12. हुगली नदी पर हावड़ा ब्रिज के अलावा 5 और सेतु हैं:

विद्यासागर सेतु (दूसरी हुगली ब्रिज)
विवेकानन्द सेतु
निवेदिता सेतु
ईश्वर गुप्ता सेतु
नसीरपुर रेल ब्रिज (निर्माणाधीन)

101 ગુજરાતી કહેવતો....

101 ગુજરાતી કહેવતો..👌
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😋તમને કેટલી કેહવત યાદ છે ?

💚૧, બોલે તેના બોર વહેચાય
💚૨. ના બોલવામાં નવ ગુણ
💚૩. ઉજ્જડ ગામમાં ઍરંડો પ્રધાન
💚૪. ડાહ્યી સાસરે ન જાય અને ગાંડીને શીખામણ આપે
💚૫. સંપ ત્યાં જંપ
💚૬. બકરું કઢતા ઉંટ પેઠું
💚૭.રાજા, વાજા અને વાંદરાં ત્રણેય સરખાં
💚૮. સિધ્ધિ તેને જઈ વરે ,જે પરસેવે ન્હાય
💚૯. બગલમાં છરી અને ગામમાં ઢંઢેરો
💚૧૦. લૂલી વાસીદુ વાળે અને
💖 સાત જણને કામે લગાડે
💚૧૧. અધૂરો ઘડો છલકાય ઘણો
💚૧૨. ખાલી ચણો વાગે ઘણો
💚૧૩. પારકી મા જ કાન વિંધે
💚૧૪. જ્યાં ન પહોચે રવિ, ત્યાં પહોંચે કવિ
💖અને જ્યાં ન પહોંચે કવિ
💖ત્યાં પહોંચે અનુભવી
💚૧૫. ટીંપે ટીંપે સરોવર ભરાય
💚૧૬. દૂરથી ડુંગર રળિયામણાં
💚૧૭. લોભી હોય ત્યાં
💖ધૂતારા ભૂખે ન મરે
💚૧૮. શેરને માથે સવાશેર
💚૧૯. શેઠની શીખામણ ઝાંપા સુધી
💚૨૦. હિરો ગોગે જઈને આવ્યો
💖અને ડેલીએ હાથ દઈને પાછો આવ્યો
💚૨૧. વડ જેવા ટેટા ને બાપ જેવા બેટાં
💚૨૨. પાડાનાં વાંકે પખાલીને ડામ
💚૨૩. રામ રાખે તેને કોણ ચાખે
💚૨૪. ઊંટના અઢાર વાંકા
💚૨૫. ઝાઝા હાથ રળીયામણાં
💚૨૬. કીડીને કણ ને હાથીને મણ
💚૨૭. સંગર્યો સાપ પણ કામનો
💚૨૮. ખોદ્યો ડુંગર, નીકળ્યો ઉંદર
💚૨૯. નાચ ન જાને આંગન ટેઢા
💚૩૦. ઝાઝી કીડીઓ સાપને તાણે
💚૩૧. ચેતતા નર સદા સુખી
💚૩૨. સો દહાડા સાસુના
💖એક દાહડો વહુનો
💚૩૩. વાડ થઈને ચીભડાં ગળે
💚૩૪. ઉતાવળે આંબા ન પાકે
💚૩૫. સાપ ગયા અને લીસોટા રહી ગયા
💚૩૬. મોરનાં ઈંડા ચીતરવા ન પડે
💚૩૭. પાકા ઘડે કાંઠા ન ચડે
💚૩૮. કાશીમાં પણ
💖કાગડા તો કાળા જ
💚૩૯. કૂતરાની પૂંછડી જમીનમાં દટો તો પણ વાંકી ને વાંકી જ
💚૪૦. પુત્રનાં લક્ષણ પારણાં માં ,અને વહુનાં લક્ષણ બારણાં માં
💚૪૧. દુકાળમાં અધિક માસ

काबिलियत



बहुत समय पहले की बात है , 
एक राजा को उपहार में किसी ने बाज
के दो बच्चे भेंट किये ।
वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे , और
राजा ने कभी इससे पहले इतने
शानदार बाज नहीं देखे थे।
राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक
अनुभवी आदमी को नियुक्त कर
दिया।
जब कुछ महीने बीत गए
तो राजा ने बाजों को देखने का मन
बनाया , और उस जगह पहुँच गए
जहाँ उन्हें पाला जा रहा था।
राजा ने देखा कि दोनों बाज
काफी बड़े हो चुके थे और अब पहले से
भी शानदार लग रहे थे ।
राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे
आदमी से कहा, ” मैं इनकी उड़ान
देखना चाहता हूँ , तुम इन्हे उड़ने का इशारा करो ।
“ आदमी ने ऐसा ही किया।
इशारा मिलते ही दोनों बाज
उड़ान भरने लगे , पर जहाँ एक बाज
आसमान की ऊंचाइयों को छू
रहा था , वहीँ दूसरा , कुछ ऊपर जाकर वापस उसी डाल पर आकर बैठ
गया जिससे वो उड़ा था।
ये देख ,राजा को कुछ अजीब लगा.
“क्या बात है जहाँ एक बाज
इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये
दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा ?”,

राजा ने सवाल किया।
” जी हुजूर , इस बाज के साथ शुरू से
यही समस्या है , वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं।”
राजा को दोनों ही बाज प्रिय थे , और वो दुसरे बाज
को भी उसी तरह उड़ना देखना चाहते थे।
अगले दिन पूरे राज्य में ऐलान
करा दिया गया कि जो व्यक्ति इस
बाज को ऊँचा उड़ाने में कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम
दिया जाएगा।
फिर क्या था , एक से एक विद्वान् आये और बाज..

વેપારી મિત્રોને અર્પણ..

વેપારી મિત્રોને અર્પણ..

મંદી આખી દુનિયામાં છે,આપણા એકના ઘરે નથી.

જેટલું વધારે બોલશો તેટલું વધુ વખત તમને પોતાને વધારે સંભળાશે, સહુથી વધુ અસર તમને થશે. શાંતિથી કામ કર્યે જાવ,વહેલું મોડું પ્રયત્ન નું પરિણામ મળશે

મંદી માર્કેટમાં છે, તેને મન પર હાવી ન  થવા દેવી.

૨૦૦૮ ની મંદી માંથી કશું શીખ્યા નથી એટલે આજે આ વારો છે.

આપણા  ઘરડાઓ બે વર્ષના દાણા નીણ નો બચત સ્ટોક રાખતા આપણે રાખ્યો નહિ.

અઠવાડિયા માં એક સફળ બિઝનેસમેન ને મળો.

વેપાર કાયદાકીય અને બેંકથી  કરવા ની ટેવ પાડવી. કોઈ નાદાર થાય તો કાયદાકીય પગલા લઇ શકાય.

વૃક્ષ જ્યાં હોય ત્યાં વિકસે, તેને ઉખેડી બીજે ફેરવાય નહી.  ધંધો ફેરવવાની જરૂર નથી, તેમાં ફેરફાર કરી પરીવર્તન લાવો.

જ્યાં માણસ કરતા માલ વધે જાય ત્યાં મંદી આવે.

જેમ અંધકાર વાળી રાત વીતે પછી ઉગતો  દિવસ આવે, ભરતી ઓટ આવ્યા કરે તેમ ધંધા માં તેજી મંદી આવ્યા કરે.પ્લાનિંગ કરી ચાલવું.

વેચાણ વધુ કરવું, બે પૈસા સસ્તું આપવું,રોકડે થી વેપાર કરવો. ઉધારી વધુ ટકતી નથી, ધંધાને તોડી નાખે છે.

વેપારમાં બહુ ગરજ ન બતાવવી, લોકો વધુ તમારો ગેરફાયદો ઉઠાવશે. લાલચમાં આવીને તમારી પોલીસી, નિયમો, સીસ્ટમને તોડવી નહિ.

વેપારમાં કોમ્પીટીશન હોય ત્યાં ક્રીયેટીવીટી જીત અપાવે.

વેપાર નબળો પડવાનું એક કારણ છેલ્લા ઘણા સમયથી વેપારમાં કશું પરિવર્તન જ નહિ કર્યું હોય. ચેક કરવું.

માર્કેટ નબળું નથી, લોકો તો પ્રોડક્શન વધારે છે.

ભારતમાં દર કલાકે ૫૧ બાળકો જન્મે છે.આ નવા કસ્ટમર જ છે.એક જાય ને બીજો ભટકાય છે.

દુનિયા આખી ભારતમાં કંપનીની બ્રાંચ ખોલવા ઈચ્છે છે. લોકો એને કેમ પકડે છે કારણ તમે ચીલા ચાલુ છો. તમારી પાસે યુનિક વસ્તુ નથી,નવું નથી.

એક કામ પર નિર્ભર ન રહેવું, બીજા કામ શીખતા રહો.
તમારા શોખ પુરા કરો , બને કે મંદીના સમયમાં એ તમને રોજી રોટી અપાવે.

કમાવાની સાથે બચત કરવી.

તમારી પાસે ૧૦ રૂપિયા હોય તો ૫ થી ૭ રૂપિયા નું કામ પાડો,બાકી ની બચત કરો. પરિસ્થિતિ ત્યારે ગંભીર બને રૂપિયા ૧૦ હોયને કામ ૫૦ નું પડે

અનુભવે શીખ આપી….

કાર બેફામ ચલાવતો એક યુવાન ટ્રાફિક પોલીસની પણ ચિંતા ન કરે. રોકે તો દંડ ભરી દે.

એક દિવસ એક ટ્રાફિક પોલીસે તેને રોક્યો નહી.આશ્ચર્ય થયું.બીજા દિવસે પણ પોલીસે તેને ન રોક્યો.આમ ત્રીજા દિવસે પણ એમ જ બન્યું.તે રીવર્સમાં ગાડી લઇ પોલીસ પાસે ગયો અને કહ્યું કે રસીદ આપો અને દંડ લઇ લો….

પોલીસે નોટબુક કાઢી થોડુક લખ્યું અને તેને આપી જતો રહ્યો….
પોલીસે રસીદને બદલે એક પત્ર લખેલો .

તેમાં લખ્યું હતું કે,’મારી લાડકી દીકરી આ જ રીતે બેફામ ડ્રાઈવિન્ગનો ભોગ બની છે. ચાલકને સજા થઇ,દંડ થયો,પણ મને આખી જિંદગી વિદાયનું દુખ મળ્યું……’
પત્ર વાચી યુવાન ધ્રુજી ઉઠ્યો ,,

ઘેર ગયો…

પુત્રીને વ્હાલ કર્યું.
અને ત્યારથી કારની સ્પીડ ધીમી થઇ ગઈ..

અનુભવે શીખ આપી….

मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में जानकारी ..

मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती लेकिन मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित होती है ।

इमरजेंसी नंबर ---

दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112 है । अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं
तो 112 नंबर द्वारा आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें। ख़ास बात यह है कि यह नंबर तब भी काम करता है जब आपका की पैड लौक हो।

जान अभी बाकी है---

मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल करनी हो, ऐसे में आप *3370# डायल करें । आपका मोबाइल फिर से चालू हो जायेगा और आपका सेलफोन बैटरी में 50 प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा। मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे।

मोबाइल चोरी होने पर---

मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है, फोन को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके । अपने फोन के सीरियल नंबर को चेक करने के लिए *#06# दबाएँ । इसे दबाते ही आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड नंबर आयेगा। इसे नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। जब आपका फोन खो जाए उस दौरान अपने सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा।

कार की चाभी खोने पर ---

जीवन” का नवीन अर्थ ..

------------------पिज्जा------------------------



पत्नी ने कहा - आज धोने के लिए ज्यादा कपड़े मत निकालना…
पति- क्यों??
उसने कहा..- अपनी काम वाली बाई दो दिन नहीं आएगी…
पति- क्यों??
पत्नी- गणपति के लिए अपने नाती से मिलने बेटी के यहाँ जा रही है, बोली थी…
पति- ठीक है, अधिक कपड़े नहीं निकालता…
पत्नी- और हाँ!!! गणपति के लिए पाँच सौ रूपए दे दूँ उसे? त्यौहार का बोनस..
पति- क्यों? अभी दिवाली आ ही रही है, तब दे देंगे…
पत्नी- अरे नहीं बाबा!! गरीब है बेचारी, बेटी-नाती के यहाँ जा रही है, तो उसे भी अच्छा लगेगा… और इस महँगाई के दौर में उसकी पगार से त्यौहार कैसे मनाएगी बेचारी!!
पति- तुम भी ना… जरूरत से ज्यादा ही भावुक हो जाती हो…
पत्नी- अरे नहीं… चिंता मत करो… मैं आज का पिज्जा खाने का कार्यक्रम रद्द कर देती हूँ… खामख्वाहपाँच सौ रूपए उड़ जाएँगे, बासी पाव के उन आठ टुकड़ों के पीछे…
पति- वा, वा… क्या कहने!! हमारे मुँह से पिज्जा छीनकर बाई की थाली में??
तीन दिन बाद… पोंछा लगाती हुई कामवाली बाई से पति ने पूछा...
पति- क्या बाई?, कैसी रही छुट्टी?
बाई- बहुत बढ़िया हुई साहब… दीदी ने पाँच सौ रूपए दिए थे ना.. त्यौहार का बोनस..

Take all you can eat but ..

Nice Board :
Good awarness ..




Take all you can eat but ..

" कन्यादान “ जाओ , मैं नहीं मानता इसे ,




" कन्यादान “ जाओ , मैं नहीं मानता इसे ,
क्योंकि मेरी बेटी कोई चीज़ नहीं ,
जिसको दान में दे दूँ ;


मैं बांधता हूँ बेटी तुम्हें एक पवित्र बंधन में ,
पति के साथ मिलकर निभाना तुम ,

मैं तुम्हें अलविदा नहीं कह रहा ,
आज से तुम्हारे दो घर ,

जब जी चाहे आना तुम ,जहाँ जा रही हो ,
खूब प्यार बरसाना तुम ,
सब को अपना बनाना तुम ,
पर कभी भी ,न मर मर के जीना ,
न जी जी के मरना तुम ,

तुम अन्नपूर्णा , शक्ति , रति सब तुम ,
ज़िंदगी को भरपूर जीना तुम ,न तुम बेचारी , न अबला ,
खुद को असहाय कभी न समझना तुम ,

मैं दान नहीं कर रहा तुम्हें ,

मोहब्बत के एक और बंधन में बाँध रहा हूँ ,
उसे बखूबी निभाना तुम .................

सूखे की वजह क्या है ?..........



क्या आप जानते हैं कि *सूखे की वजह क्या है ?..........

*आप को लगेगा अजीब बकवास है किन्तु यही अटल सत्य है.. .
*पीपल, बरगद और नीम के पेडों को लगाना बन्द किया गया*
*पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड को 100% सोख लेता है, बरगद़ 80% और 75 %*
*कुछ लोगो को खुश करने के चक्कर में इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले यूकेलिप्टस जोकि बहुत तेजी से बढ़ता है और दलदल वाली जमीन को सूखा करने के लिए लगाया जाता है, लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है। यह पेड़ पिछले 40 वर्ष से सभी राजमार्गों के दोनों तरफ लगाये जा रहे हैं।
*अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही*
हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा
*वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए* पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है जिसकी वजह से शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं।
वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच। पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमस्तुते।

भावार्थ तो समझ ही गए होंगे।

*इन जीवनदायी पेड़ो को ज्यादा से ज्यादा लगाये तथा इसके साथ नीम और बरगद के पौधे लगाएं । *जिसके पास इतनी जग़ह न हो वह तुलसी जी का पौधा लगाये*
*आइये हम सब मिलकर अपने "हिंदुस्तान" को प्राकृतिक आपदाओं से बचाये ।

એક ગાડીની સરખામણી બીજી ગાડી સાથે :

એક ગાડીની સરખામણી બીજી ગાડી સાથે :

એક છોકરો એના પિતા સાથે ફરવા માટે નિકળ્યો હતો. પિતા ગાડી ચલાવતા હતા અને દિકરો બાજુમાં બેઠો હતો. પિતાને એમની આ i10 કાર ખુબ વહાલી હતી.એટલે ખુબ કાળજીપૂર્વક લગભગ 80ની સ્પીડથી ગાડી ચલાવી રહ્યા હતા.
થોડીવાર પછી એક હોન્ડાસીટી કાર આ ગાડીને ઓવરટેક કરીને આગળ નીકળી ગઇ. બાજુની સીટ પર બેઠેલા દિકરાએ પિતાને કહ્યુ," પપ્પા, જુઓ જુઓ, આ ગાડી આપણી આગળ નીકળી ગઇ. સતમે બહુ ધીમી ગાડી ચલાવો છો પપ્પા. હવે તમે પણ જરા લીવરનો ઉપયોગ કરો આપણે એ ગાડીને ઓવરટેક કરી લઇએ." પિતાએ હસતા હસતા કહ્યુ," બેટા એ શક્ય નથી કારણકે આપણી ગાડી કરતા એ ગાડીની કેપેસીટી વધુ સારી છે અને એટલે આપણે આપણી ગાડીનું લીવર ગમે તેટલુ દાબીએ તો પણ આપણે એ કારને ઓવરટેઇક ન કરી શકીએ.“

હજુ તો બાપ-દિકરા વચ્ચેની વાત ચાલુ જ હતી ત્યાં એક મર્સીડીસ કાર વાયુવેગે આવી અને સાઇડ કાપીને આગળ નીકળી ગઇ, છોકરાએ પિતાને કહ્યુ, "શું પપ્પા તમે પણ આમ ગાડી ચલાવાતા હશે! આ બીજી ગાડી પણ આપણી આગળ નીકળી ગઇ જરા લીવર દબાવો. પપ્પા સાચુ કહુ મને તો એવુ લાગે છે કે તમને ગાડી ચલાવતા આવડતું જ નથી."
પિતાએ થોડા ગુસ્સા સાથે કહ્યુ, " બેટા, મેં તને કહ્યુ તો ખરુ કે જે ગાડી આપણને ઓવરટેઇક કરીને આગળ જતી રહે છે એ બધી જ ગાડીની એન્જીનની ક્ષમતા આપણી ગાડીના એન્જીનની ક્ષમતા કરતા વધુ છે એટલે આપણી આગળ નીકળી જાય એ સ્વાભાવિક છે." પિતા દિકરાને આગળ કંઇ કહે એ પહેલા એક સ્પોર્ટસ કાર આવીને સડસડાટ જતી રહી. દિકરો હવે એમની સીટ પર ઉભો થઇ ગયો. એના પપ્પાને કહ્યુ, " પપ્પા, હવે તો સ્વીકારી લો કે તમને ગાડી ચલાવતા નથી આવડતી. એક પછી એક બધી કાર આપણી કારને ઓવરટેઇક કરીને આગળ નીકળી ગઇ."

इनकी इस ख़िदमत और जज़्बे को सलाम..

डॉ शंकर गोवडा..........
यह जो दीवार से पीठ लगाये बैठे हैं इनका नाम है
डॉ. शंकर गोवडा !
रहते हैं कर्णाटक के मंड्या नामक जगह में ! इनकी ख़ास बात ये हैं की ये त्वचा रोग के डॉ हैं और अपने मरीजो से फीस के नाम पर मात्र 5 रुपये लेते हैं !
प्रतिष्ठित कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुऐट शंकर गोवड़ा का अपना कोई क्लिनिक भी नहीं , एक मित्र की दूकान के बगल में थोड़ी सी जगह में बैठे मिलते हैं डॉ साहब !
सबसे बड़ी बात यह है कि यह जो दवायें लिखते हैं वो सस्ती और असरकारक होती हैं ।
आज के दौर में जहाँ डॉक्टर्स के नाम से ही सैंकड़ों हज़ारों रुपयो के खर्च का ख्याल आता हो, एक मसीहा ग़रीबों के लिये काम कर रहा है ।
इनकी इस ख़िदमत और जज़्बे को सलाम ।।

Lions on Road



Lions on Road

शिवलिंग समंदर के भीतर ..



शिवलिंग समंदर के भीतर ..

ચાલીસ પછી ..



ચાલીસ પછી ..

કર્પૂર ગવરમ :( कर्पूरगौरं मंत्र )

કર્પૂર ગવરમ :

जानिए आरती के बाद क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं मंत्र
किसी भी मंदिर में या हमारे घर में जब भी पूजन कर्म होते हैं तो वहां कुछ मंत्रों का जप अनिवार्य रूप से किया जाता है, सभी देवी-देवताओं के मंत्र अलग-अलग हैं, लेकिन जब भी आरती पूर्ण होती है तो यह मंत्र विशेष रूप से बोला जाता है l

कर्पूरगौरं मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
ये है इस मंत्र का अर्थ

इस मंत्र से शिवजी की स्तुति की जाती है। इसका अर्थ इस प्रकार है-
कर्पूरगौरं- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले।
करुणावतारं- करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं।
संसारसारं- समस्त सृष्टि के जो सार हैं।
भुजगेंद्रहारम्- इस शब्द का अर्थ है जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं।
सदा वसतं हृदयाविन्दे भवंभावनी सहितं नमामि- इसका अर्थ है कि जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं, उनको मेरा नमन है।
मंत्र का पूरा अर्थ-
जो कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं और भुजंगों का हार धारण करते हैं, वे भगवान शिव माता भवानी सहित मेरे ह्रदय में सदैव निवास करें और उन्हें मेरा नमन है।
यही मंत्र क्यों….
किसी भी देवी-देवता की आरती के बाद कर्पूरगौरम् करुणावतारं….मंत्र ही क्यों बोला जाता है, इसके पीछे बहुत गहरे अर्थ छिपे हुए हैं। भगवान शिव की ये स्तुति शिव-पार्वती विवाह के समय विष्णु द्वारा गाई हुई मानी गई है। अमूमन ये माना जाता है कि शिव शमशान वासी हैं, उनका स्वरुप बहुत भयंकर और अघोरी वाला है। लेकिन, ये स्तुति बताती है कि उनका स्वरुप बहुत दिव्य है। शिव को सृष्टि का अधिपति माना गया है, वे मृत्युलोक के देवता हैं, उन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है, पशुपति का अर्थ है संसार के जितने भी जीव हैं (मनुष्य सहित) उन सब का अधिपति। ये स्तुति इसी कारण से गाई जाती है कि जो इस समस्त संसार का अधिपति है, वो हमारे मन में वास करे। शिव श्मशान वासी हैं, जो मृत्यु के भय को दूर करते हैं। हमारे मन में शिव वास करें, मृत्यु का भय दूर हो।
ॐ नमः शिवाय

When your children desire..



When your children desire 
to talk to you and share their problems with you, 
stop everything and listen to them. 
There is nothing more important than that.