*** छाया दान ***
आज इस लेख के माध्यम से में आपको छाया दान के विषय में बता रहा हूँ जिसके द्वारा जातक विभिन्न तरह की परेशानियो से निजात पा सकता है
इस लेख के माध्यम से आप समझ सकते है के छाया दान क्या है और क्यों किया जाना चाहिए :-
यह अक्सर ऐसा होता है कि व्यक्ति का बिता हुआ काल अर्थात भुत काल अगर दर्दनाक रहा हो या अच्छा न रहा हो तो वह व्यक्ति के आने वाले भविष्य को भी ख़राब करता है और भविष्य बिगाड़ देता है। ऐसे समय में बिता हुआ कल आप का आज भी बिगड़ रहा हो और बिता हुआ कल अच्छ न हो तो निश्चित तोर पर कल भी बिगड़ देगा। इससे बचने के लिये छाया दान करना चाहिए।
जीवन में जब तरह तरह कि समस्या आप का भुत काल बन गया हो तो छाया दान से मुक्ति मिलता है और आराम मिलता है।
1 . बीते हुए समय में पति पत्नी में भयंकर अनबन रही हो तो : -
अगर बीते समय में पति पत्नी के सम्बन्ध मधुर न रहा हो और उसके चलते आज वर्त्तमान समय में भी वो परछाई कि तरह आप का पीछा कर रहा हो तो ऐसे समय में आप छाया दान करे और छाया दान आप बृहस्पत्ति वार के दिन कांसे कि कटोरी में घी भर कर पति पत्नी अपना मुख देख कर कटोरी समेत मंदिर में दान दे आये इससे आप कि खटास भरे भुत काल से मुक्ति मिलेगा। और भविष्य मधुरतापूर्ण और सुखमय रहेगा
2 . बीते हुए समय में हुई हो भयावह दुर्घटना या एक्सीडेंट :
अगर बीते समय में कोई भयंकर दुर्घटना हुई हो और उस खौफ से आप समय बीतने के बाद भी नहीं उबार पाये है। मन में हमेशा एक डर बना रहता है . आप कही भी जाते है तो आप के मन में उस दुर्घटना का भय बना रहता है तो आप छाया दान करे। आप एक मिटी के बर्तन में सरसो का तेल भर कर शनि वार के दिन अपनी छाया देख कर शनि मंदिर में दान करे। इससे आप को लाभ होगा बीती हुई दरदनाक स्मृति से छुटकारा मिलेगा। और भविष्य सुरक्षित रहेगा
3 . बीते समय में व्यापर में हुआ घाटा आज भी डरा रहा है आप को :
कई बार ऐसा होता है कि बीते समय में व्यापारिक घटा बहुत बड़े नुकशान से आप बहुत मुश्किल से उबरे हो और आज स्थिति ठीक होने के बावजूद भी आप को यह डर सता रहा है कि दुबारा वैसा ही न हो जाये ,तो इससे बचने के लिएय आप बुधवार के दिन एक पीतल कि कटोरी में घी भर कर उसमे अपनी छाया देख कर छाया पात्र समेत आप किसी ब्राह्मण को दान दे। इससे दुबारा कभी भी आप को व्यापर में घाटा नहीं होगा। और भविष्य में व्यापर भी फलता फूलता रहेगा
4 . भुत काल कि कोई बड़ी बीमारी आज भी परछाई बन कर डरा रही हो :
बीते समय में कई बार कोई लम्बी बीमारी के कारन व्यक्ति मानशिक तोर पर उससे उबर नहीं पता है। और व्यक्ति ठीक होने के बावजूद भी मानशिक तोर पर व्यक्ति अपने भुत काल में ही घिरा रहता है और उससे उबर नहीं पता है। तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को शनिवार के दिन एक लोहे के पात्र में तिल का तेल भर कर अपनी मुख छाया देखकर उसका दान शनि मंदिर में करे। इससे आप को इस स्मृति से मुक्ति मिलेगा और भविष्य में बीमार नहीं होंगे और स्वस्थ्य रहेंगे।
5 लम्बे समय के बाद नौकरी मिली है लेकिन भुतकाल का डर कि फिर बेरोजगार न हो जाये :
बहुत लम्बे समय की बेरोजगारी के बाद नौकरी मिलती है लेकिन मन में सदेव एक भय सताता है कि दुबार नौकरी न चली जाये ,और ये सोच एक प्रेत कि तरह आप का पीछा करती है तो ऐसे स्थिति में आप सोमवार के दिन तांम्बे की एक कटोरी में शहद भर कर अपनी छाया देख कर ब्राह्मण को दान करना चाहिए ,इससे आप को लाभ मिलेगा। इस छाया दान से उन्नति बनी रहती है रोजगार बना रहता है।
6 .कुछ ऐसा काम कर चुके है जो गोपनीय है लेकिन उसके पश्चाताप
से उबर नहीं पाये है :
कई बार जीवन में ऐसी गलती आदमी कर देता है कि जो किसी को बता नहीं पता लेकिन मन ही मन हर पल घुटता रहता है और भुत समय में कि गलती से उबर नहीं पता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पीतल कि कटोरी में बादाम के तेल में मुख देख कर शुक्रवार के दिन छाया दान करना चाहिए। इससे पश्चाताप कि अग्नि से मुक्ति मिलती है ,और कि हुई गलती के दोष से मुक्ति मिलती है।
7 . पहली शादी टूट गयी दूसरी शादी करने जा रहे है लेकिन मन में टूटने का डर है :
संजोग वश या किसी दुर्घटना वश व्यक्ति कि पहली शादी टूट गयी है और दूसरी शादी करने जा रहे है और मन में भय है कि जैसे पहले हुआ था वैसे दुबारा न हो जाये तो इसके लिए व्यक्ति को स्त्री हो या पुरुष उसको रविवार के दिन ताँबे के पात्र में घी भरकर उसमे अपना मुख देख कर छाया दान करे। इससे भुत काल में हुई घटना या दुर्घटना का भय नहीं रहेगा। और भविष्य सुखमय रहेगा।