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एक बार एक इंटरव्यू में *नसीरुद्दीन शाह* ने कहा कि *अमिताभ बच्चन* का सार्थक सिनेमा में खास योगदान नहीं रहा क्योंकि वो विशुद्ध *व्यावसायिक अभिनेता* हैं।
इसके बाद एक पत्रकार ने *अमिताभ बच्चन* को यह बात बताई और उनकी प्रतिक्रिया चाही।
बच्चन ने कहा" जब *नसीरुद्दीन शाह* के जैसा *अंतर राष्ट्रीय अभिनेता कुछ कहता है तो आत्म मंथन करना चाहिये,प्रतिक्रिया नहीं देना चाहिये*"
एक दफा *गुलज़ार* से किसी ने उनके पांच सबसे पसंदीदा गीतकारों के नाम पूछे।
*गुलज़ार* ने पांच गीतकार गिनवा दिये, उसमे *जावेद अख्तर* का नाम नहीं था।
फिर क्या था एक पत्रकार ने ये बात *जावेद अख्तर* को बताई और प्रतिक्रिया चाही।
जावेद अख्तर ने कहा *"इस बात पर बस मैं ये कह सकता हूँ कि गुलज़ार साहब की लिस्ट में जगह पाने के लिए मुझे अभी और मेहनत करना होगा "*
_*बोलना और प्रतिक्रिया करना जरूरी है लेकिन संयम और सभ्यता का दामन नहीं छूटना चाहिये।*_
ये ही सहिष्णुता है।
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