हमेशा खुश ..

 हमेशा खुश
                रहना  चाहिए, 
                   क्योंकि
               परेशान होने से
              कल की मुश्किल
                दूर नही होती
                   बल्कि....
              आज का सुकून
               भी चला जाता
                     है !!!



अच्छे लोगों की भगवान
             परीक्षा बहुत लेता है,
          परन्तु साथ नहीं छोडता,

                      और
           बुरे लोगों को भगवान
              बहुत कुछ देता है,
           परन्तु साथ नहीं देता|

अच्छा कॅरियर बन सकता है?"

👌🏽👌🏽Career👌🏽👌🏽
किसीने एक बुजुर्ग से पूछा ...

"चाचाजी मुझे क्या बनना चाहिए,
किस क्षेत्र में अच्छा कॅरियर बन सकता है?"

चाचाजी ने उत्तर दिया
 "इंसान बन जा
इसमें फिलहाल बहुत स्कोप है
 और
कोई कॉम्पिटिशन तो बिल्कुल  भी नहीं है !!"

વ્રત. ભલે તુટે પણ

ગામડા ની સ્કુલ મા થી એક ગરીબ ઘર નુ બાળક દોડતુ આવી ને
એની મા ને વળગી પડયુ...
અને કાલી કાલી ભાષામાં બોલ્યું..''માં આજ મારા સા'બે મને કીધું..
આજ મારો જન્મદિવસ છે''
ગરીબ માં એ બાળક ના માથે હેતભર્યો હાથ ફેરવ્યો..
મન મા કાંઈક નિર્ણય કર્યો ને મમતાળું હસી ને ફરી કામે વળગી..
બપોર પછી બાળક સ્કુલે થી આવ્યો..એને નવડાવી..
નવા કપડા પહેરાવી..તૈયાર કરી ને આંગળી પકડી ને
એ ગરીબ મહીલા નાનકડા ગામની બજાર મા આવી..
કંદોઈ ની દુકાને થી સો ગ્રામ જલેબી લઈ ને ગામના મંદિર તરફ ચાલી...
મંદિરે જઈ..બાળક ને પગે લગાડી..
પૂજારી પાસે આવી બાળક ને પણ પગે લગાડી પોતે પણ..
જલેબી નુ પડીકું..પૂજારી ના પગ પાસે મુક્યુ..
પૂજારી એ પૂછ્યું આ શુ છે બેન...?
ગરીબ મા એ કહ્યું..''બાપુ જલેબી છે...
તમને જલેબી બહુ ભાવે છે ને..મને એ ખબર..આજે મારા દિકરા નો જન્મ દિવસ છે
એટલે અમે ગરીબ માણસ બીજું તો શું કરીએ..!!
પણ તમને ભાવતી જલેબી લાવી એ ખાઇ લો અને એમાં થી થોડી પ્રસાદ
તરીકે આપો એ મારો દિકરો ખાઇ લે...
એટલે એનો જન્મદિવસ ઉજવાય જાય....''
પૂજારી એ કહ્યું..''એ સાચું બેન પણ આજે તો મારે ઉપવાસ છે..!!
અને હાથ લંબાવ્યો પડીકું પાછુ આપ્યું..
એ ગરીબ મહીલા એ પડીકું તો લીધુ પણ એની આંખો ના ખૂણા ભીના થયા...
પૂજારી એ કહ્યુ ''કેમ બેન..!!
તમને ઓછું લાગ્યું..?
ત્યારે એ ગરીબ બાળક ની માતા પોતાના ભાગ્ય ને દોષ દેતી એટલું બોલી કે,
બાપુ...અમારા ગરીબ ના ભાગ્ય પણ ગરીબ હોય છે..
નહિ તો આજે જ તમારે ઉપવાસ ક્યાથી હોય...?
પૂજારી એની સામે જોઈ રહ્યો..અને બોલ્યો..
લાવો બેન..મારે જલેબી ખાવી છે...!!
પેલી બહેન કહે...
''પણ બાપુ તમારુ વ્રત તુટશે..''
પૂજારી એ કહ્યુ ''વ્રત નહીં તોડુ તો તમારુ દિલ તુટશે...''

વ્રત. ભલે તુટે પણ કોઈ નુ કોમળ અને પવિત્ર દિલ ન તુટવુ જોઈએ...

કદાચ એટલે જ તો પોતાની પ્રતિજ્ઞા માં અડગ રહેવા છતાં
 ભીષ્મ પરમ ગતિ ન પામી શક્યા અને પ્રતિજ્ઞા તોડવા છતાં
કૃષ્ણ...જગદ્ ગુરૂ કહેવાયા...


What is GOOGLE??

What is GOOGLE??

1. गूगल एक सैकेंड में करीब 9,30,900 रूपए कमाता है।

2. आपको फेसबुक के संस्थापक का नाम मार्क ज़ुकरबर्ग है यह तो पता होंगा
लेकिन क्या आपको गूगल के संस्थापक का नाम पता है? उनका नाम लैरी पेज और सर्जे ब्रिन है।

3. गूगल के 40 देशो में 70 से भी ज़्यादा ऑफिस है। यह अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

4. गूगल ने पिछले 12 सालो में 827 कंपनियो को खरीदा है। अब आप अंदाज़ा लगा सकते है की गूगल कितनी बड़ी कंपनी है।

5. गूगल में फिलहाल 417000 से भी ज़्यादा कर्मचारी काम करते है मगर अब तक गूगल के कई कर्मचारी अरबपति बन चुके है।

6. वेसे तो गूगल की सही आय कोई नहीं बता सकता मगर गूगल की सालाना आय करीब $50,00,00,00,000,000,000,000,000 डॉलर है।

7. आपको यह तो पता होंगा की एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल की ही देन है। पर क्या आप यह जानते है की हर 5 में से 4 स्मार्टफोन एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही चलते है।

8. गूगल ने अपने "Head Office" में लगभग 20000 बकरियों को घास काटने के लिए रखा गया है । जी हा आपने सही पढ़ा दरअसल गूगल अपने दफ्तर के लॉन में घास काटने वाली मशीन का उपयोग नहीं करता क्योंकि इससे निकलने वाले धुंए और आवाज़ से वहाँ काम कर रहे कर्मचारियों को परेशानी होती है।

9. हर हफते 220,000 से भी ज्यादा लोग गूगल में जॉब के लिए अपलाई करते है|

10. गूगल की 95% से भी ज़्यादा कमाई उसके द्वारा प्रकाशित विज्ञापनों से आती है।

11. यकीन मानिये,आपकी पलक झपकते ही गूगल ने 550 लाख रूपए कमा लिए होंगे।

12. आप अक्सर सोचते होंगे की "Google" शब्द आया कहा से है हम आपको बताते है, असल में 1 पीछे 100 शून्य लगाने पर जो संख्या बनती है उसे "Googol" कहते हैं और इसी शब्द से ही बना है "Google"।

13. अब आप सोच रहे होंगे की गूगल का नाम "Googol" क्यों नहीं रखा गया "Google" ही क्यों रखा गया ? दरअसल "Google" यह नाम एक स्पेलिंग मिस्‍टेक है। मतलब टाइप करते समय "Googol" की जगह "Google" टाइप हो गया और नतीजा आपके सामने है।

14. गूगल ने "You Tube" को 2006 में ख़रीदा था, उस समय कई लोगो ने इस डील को गूगल की एक बड़ी गलती मानी थी और आज यू ट्यूब को पूरी दुनिया में हर महीने करीब 6 अरब घंटो तक देखा जाता है।

15. हर सेकंड में गूगल पर 60,000 से भी ज्यादा सर्च किये जाते है|

16. 2010 के बाद से गूगल ने प्रति सप्ताह में कम से कम एक कंपनी को ख़रीदा है|

17. गूगल ने अपने स्ट्रीट व्यू मेप के लिए 80 लाख 46 हजार किलोमीटर सड़क के बराबर फोटोग्राफ लिए है।

18. गूगल का पूरा सर्च इंजन 100 मिलियन गीगाबाइट का है। उतना डाटा अपने पास सेव करने के लिए एक टेराबाइट की एक लाख ड्राइव की जरुरत होगी।

19. गूगल ने अपने एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को ABCD के अल्फाबेट के हिसाब से नाम दिए गए हैं Cupcake, Donut, Eclair, Froyo, Gingerbread, Honeycomb, Ice Cream Sandwich, Jelly Bean, Kitkat, Lolipop और Marshmallow।

20) गूगल को Yahoo कंपनी ने एक मिलियन डॉलर में खरीदना चाहा था लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

21. गूगल जब लांच हुआ था तब गूगल के संस्थापक को HTML कोड की ज़्यादा जानकारी नहीं थी इसीलिए उन्होंने गूगल का होमपेज एकदम सिंपल रखा था और अभी भी यह बिल्कुल सिंपल ही है।

22. 2005 में गूगल ने गूगल मेप और गूगल अर्थ जैसी नई एप्लीकेशन लांच की। इसमें ऐसे फीचर हैं, जो पलभर में पूरी दुनिया का नाप दें । वही अब इसकी पहुंच चाँद तक है।

23. ”Don’t be evil” यह गूगल का अनाधिकृत नारा(Unofficial Slogan) है।

24. गूगल के होमपेज पर 88 भाषाओ का इस्तेमाल किया जा सकता है।

25. गूगल सर्च इंजिन का उपनाम (Nick Name) "BackRub" है।

(someone shared on whatsapp)

उलटे बहावे मे भी ..

 मछली पानी के उलटे बहावे मे भी आगे निकल जाती है
और बडा हाथी बह जाता है।
क्योंकी मछली पानी की शरण में है,
ऐसे ही जो भगवानकी शरण में होते हैं
वे विपरीत परिस्थिति मे भी संसार सागर से तर जाते हैं..
  हमें भूतकाल के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए,
ना ही भविष्य के बारेमें चिंतित होना चाहिए
विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीत हैं |

•ईश्वर कृपासे मुश्कराते रहें स्वस्थ रहें•

The older you get..


just be patient


કદાચ આનું નામ જ જિંદગી ..


જ્યારે કોઈ હાથ અને સાથ બંને છોડી દે ,
ત્યારે કુદરત કોઈ આંગળી
પકડનાર મોકલી જ દે છે....

*કદાચ આનું નામ જ જિંદગી છે.

व्यक्ति अपने विचारो से


हर रुतु बसंत है ..


Chetan Bhagat's Beautiful Message !

Chetan     Bhagat's         Beautiful   Message !

💬   Stay   Away   From   Anger... It   Hurts ....Only   You !

💬   If    You    Are    Right    Then     There    is     No    Need    to    Get    Angry ...

💬   And    If    You    Are    Wrong    Then    You     Don't     Have    Any    Right    to    Get    Angry.

💬   Patience    With    Family    is   Love .....

💬   Patience    With    Others    is   Respect.

💬   Patience     With     Self     is   Confidence   And   Patience   With   GOD   is   Faith.

💬   Never    Think    Hard    About    The    PAST ,    It    Brings    Tears...

💬   Don't    Think    More    About   The   FUTURE ,   It   Brings   Fear...

💬  Live   This   Moment   With   A   Smile ,  It    Brings   Cheer.

💬  Every     Test     in    Our    Life   Makes   Us   Bitter   Or   Better .....

💬   Every   Problem   Comes   To   Make   Us   Or   Break   Us  !

💬   The      Choice     is       Ours   Whether   We   Become   Victims   Or   Victorious.

💬   Beautiful   Things    Are    Not   Always   Good   But   Good  Things   Are   Always   Beautiful ......

💬   Do   You   Know    Why    God  Created   Gaps  between  Fingers ?  So     That     Someone ,    Who    is     Special    To    You ,   Comes    And   Fills   Those    Gaps ,   By   Holding   Your   Hand   Forever.

💬   " Happiness "   Keeps   You ....  Sweet   But   Being   Sweet   Brings   Happiness.

Do    Share    It  ,    With    All    The    Good    People   In   Your   Life.

He is Srikanth Bolla



He is Srikanth Bolla, a 24 year old blind entrepreneur from Hyderabad. When he was born, his parents, who were earning Rs 20,000 in a year, were advised to get rid of him, but somehow he survived.

Despite getting 90% in class 10th, he was not allowed to chose Science stream for 12th; he sued the State Govt., fought for 6 months, and won the case. He scored 98% with Science in 12th.

When IITs and NITs didnt give him hall ticket for writing competitive exams, he applied overseas, and got selected in 4 of the best colleges ever created on Earth: MIT, Stanford, Berkeley, and Carnegie Mellon. He chose Massachusetts Institute of Technology, received a scholarship, and was MIT's first International blind student.

After returning from US in 2012, he launched BollantIndustries , where 60% of employees are poor, physically challenged. This 450 employees company is now worth Rs 50 crore, and recently, Ratan Tata invested in his venture.
As per him, “I was made blind by the perception of people.." When the world said to him that you can't do anything, Bolla said, "But I look up at the world and say I can do anything."

अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं

अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं


अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||


कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

कौन कहता है भगवान सोते नहीं, माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

कौन कहता है भगवान नाचते नहीं, तुम गोपी के जैसे नचाते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

कौन कहता है भगवान नचाते नहीं, गोपियों की तरह तुम नाचते नहीं |
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||

अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं |

    🙏🏻जय श्री राधे श्याम🙏🏻

पत्नी क्यों जरुरी है??

आखिर पति के लिए
पत्नी क्यों जरुरी है??
मानो न मानो
जब तुम दुःखी हो तो वो तुम्हे
कभी अकेला नहीं छोङेगी।।
हर वक्त, हर दिन तुम्हे तुम्हारे अन्दर
की बुरी आदतें छोङने को कहेगी।।
हर छोटी छोटी बातों पर तुमसे
झगङा करेगी, परंतु ज्यादा देर
गुस्सा नहीं रह पाती।।
तुम्हें आथिॅक मजबूती देगी।।
कुछ भी अच्छा ना हो फिर
भी तुम्हें यही कहेगी- चिन्ता मत
करो, सब ठीक हो जायेगा।।
तुम्हें समय का पाबंद बनायेगी।।
ये जानने के लिए कि तुम क्या कर
रहे हो, दिन में 15 बार फोन करके
हाल पूछेगी।।
कभी कभी तुम्हे खीझ
भी आयेगी पर सच ये है कि तुम कुछ
कर नहीं पाओगे।।
चूंकि पत्नी ईश्वर का बना एक
स्पेशल उपहार है, इसलिए
उसकी उपयोगिता जानो और
उसकी देखभाल करो।।
ये मैसेज हर विवाहित पुरुष के
मोबाइल मे होना चाहिये
ताकि उन्हें
अपनी पत्नी की कीमत
का अंदाजा हो
अन्त में हम दोनों ही होंगे !!!.
भले ही झगड़े, गुस्सा करे,
एक दूसरे पर टूट पड़े
एक दूसरे पर दादागिरि करने के
लिये, अन्त में हम दोनों ही होंगे
जो कहना हे, वह कह ले,
जो करना हे, वह कर ले
एक दुसरे के चश्मे और
लकड़ी ढूँढने में,
अन्त में हम दोनों ही होंगे
मैं रूठूं तो तुम मना लेना,
तुम रूठो ताे मै मना लूँगा
एक दुसरे को लाड़ लड़ाने के लिये,
अन्त में हम दोनों ही होंगे
आँखे जब धुँधली होंगी,
याददाश्त जब कमजोर होंगी
तब एक दूसरे को एक दूसरे
मे ढूँढने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे
घुटने जब दुखने लगेंगे,
कमर भी झुकना बंद करेगी
तब एक दूसरे के पांव के नाखून काटने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे
“मेरी हेल्थ रिपोर्ट एक दम नॉर्मल
है, आइ एम आलराईट
ऐसा कह कर ऐक दूसरे को
बहकाने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे
साथ जब छूट जायेगा,
बिदाई की घड़ी जब आ जायेगी
तब एक दूसरे को माफ करने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे……

Husband wife par jokes kitne bhi ho, but fact yehi hai….

મારી પત્નીને ઉંચકવાના એ ત્રીસ દિવસ.........

મારી પત્નીને ઉંચકવાના એ ત્રીસ દિવસ..........

એ દિવસે રાત્રે હું ઘરે આવ્યો અને મારી પત્ની જ્યારે મારું જમવાનું પીરસી રહી હતી, ત્યારે મેં એનો હાથ પકડ્યો અને કહ્યું, ‘મારે તને કશુંક કહેવું છે.’ એ શાંતિથી નીચે બેઠી અને જમવા લાગી. ફરી મેં તેની આંખોમાં જોયું અને મને જાણ થઈ કે મેં ખરેખર એનું મન દુભાવ્યું છે. મને ખબર ન પડી કે હું વાતની શરૂઆત કઈ રીતે કરું, છતાં હું જે વિચારતો હતો એ તો મારે એને કહેવું જ હતું. મેં સ્વસ્થ થઈને શાંતિથી મારી વાત શરુ કરી અને કહ્યું કે : ‘મારે છુટાછેડા જોઈએ છે….’ મારી ધારણાં મુજબ જ આ વાક્ય સંભાળતાં એના મોં પર સંતાપ ન દેખાયો, બલકે એણે નમ્રતાપૂર્વક મને પૂછ્યું, ‘શા માટે ?’

મેં એના પ્રશ્નનો વળતો જવાબ ન આપ્યો. આ વાતથી તે ખૂબ ગુસ્સે થઈ. લાકડાનો તવેથો એ મારી તરફ ફેંકીને આક્રોશમાં બોલી, ‘તું તો માણસ જ નથી….’ તે રાત્રે અમે બન્નેએ એકબીજા જોડે વાત ન કરી. તે રડતી હતી. મને ખ્યાલ હતો કે એને એ જાણવું હતું કે અમારા વૈવાહિક જીવનને થઈ શું ગયું છે ? પરંતુ હું એને સંતોષકારક જવાબ ના આપી શક્યો. મારું હૃદય હવે ‘જેન’ નામની સ્ત્રી માટે ધડકતું હતું. હું મારી પત્નીને પ્રેમ નહોતો કરતો. મને તો એના માટે માત્ર દયા ઉપજતી હતી.

છેવટે અપરાધની અત્યંત લાગણી સાથે મેં છૂટાછેડાના દસ્તાવેજો તૈયાર કર્યા અને એમાં નોંધ કરી કે મારી પત્ની અમારું મકાન, અમારી ગાડી અને અમારી કંપનીમાં 30% નો ભાગ પોતાની માલિકીનો કરી શકશે. મારી પત્નીએ તે દસ્તાવેજો પર એક નજર ફેરવી અને પછી ફાડીને એના ટુકડા કરી દીધા. જે સ્ત્રીએ મારી સાથે એની જિંદગીના દસ વર્ષ વીતાવ્યાં હતાં તે મારી માટે આજે એક અપરીચિત વ્યક્તિ બનીને રહી ગઈ હતી. મને એનો સમય, સહારો અને ઉત્સાહ વ્યય કરવાનો ભારે પછતાવો હતો છતાં મેં જે કહ્યું એ શબ્દો હું પાછા નહોતો લઈ શકતો કારણ કે હું જેનને બહુ જ પ્રેમ કરતો હતો. મારી ધારણા મુજબ દસ્તાવેજો ફાડ્યા બાદ મારી પત્ની મારી સામે બહુ જ મોટેથી રડી પડી. મારી માટે એના આંસુએ મારી આઝાદી કે મારા છુટકારાનો સંકેત હતો. છૂટાછેડાની વાતે મારા મન પર છેલ્લા કેટલાક સમયથી કબજો કરી લીધો હતો; એ હવે વધુ દ્રઢ અને સ્પષ્ટ થતી જણાઈ. બીજે દિવસે જ્યારે હું મોડી રાત્રે ઘરે પહોંચ્યો ત્યારે જોયું તો મારી પત્ની કંઈક લખી રહી હતી. આખો દિવસ પેલી જેન જોડે વિવિધ પ્રસંગોમાં વીતાવ્યા બાદ હું ખૂબ જ થાકી ગયો હતો, તેથી રાત્રી ભોજન કર્યા વગર જ ઊંઘી ગયો. હું વચ્ચે ઉઠ્યો ત્યારે મેં જોયું તો હજુ તે કંઈક લખી રહી હતી. ખેર, મને એની કોઈ પરવા નહોતી એટલે પીઠ ફેરવીને હું સૂઈ ગયો.

સવારે એણે અમારા છૂટાછેડા માટે અમુક શરતો મારી સમક્ષ મૂકી. એને મારી જોડેથી કશું જોઈતું નહોતું પણ એને છૂટાછેડા પહેલા એક મહિનાની નોટીસ જોઈતી હતી. એણે એવી વિનંતી કરી કે એક મહિના દરમ્યાન અમે બન્ને એક સરળ વૈવાહિક જીવન જીવવાનો પૂરેપૂરો પ્રયાસ કરીએ. એની આ શરતો માટેના કારણો બહુ સરળ હતા કારણ કે અમારા પુત્રને એક મહિનાના સમયગાળામાં પરીક્ષાઓ હતી અને અમારા છૂટાછેડાને લીધે એના અભ્યાસમાં કોઈ બાધા આવે એવું તે ઈચ્છતી નહોતી. આ શરત મને મંજૂર હતી. પરંતુ એણે કેટલીક અન્ય શરતો પણ મૂકી હતી. એ ઈચ્છતી હતી કે હું એ સમય યાદ કરું જ્યારે મેં અમારા લગ્નના દિવસે તેને ઊંચકી હતી એને અમારા શયનખંડમાં તેને લઈ ગયો હતો. એણે એવી વિનંતી કરી કે હું એને આ એક મહિના દરમ્યાન રોજ સવારે અમારા શયનખંડથી અમારા ઘરની મુખ્ય ઓરડીના દરવાજા સુધી ઊંચકીને લઇ જઉં ! શરત વાંચીને મને એમ થયું કે આ હવે ગાંડી બની ગઈ લાગે છે ! પણ અમારા સાથે રહેવાના માત્ર છેલ્લા દિવસોને સહન કરી શકાય એવા બનાવવા ખાતર મેં તેની આ વિચિત્ર માંગ પણ સ્વીકારી લીધી… ખાનગીમાં મેં જેનને પત્નીના છૂટાછેડાની શરતો વિશે વાત કરી ત્યારે તે આ વાહિયાત વાતો સાંભળીને હસી પડી. તેણે ધિક્કારપૂર્વક કહ્યું : ‘તારી પત્ની ભલે ગમે તે તર્ક અપનાવે પરંતુ એણે આ છૂટાછેડાનો સામનો તો કરવો જ પડશે…’

મેં જ્યારથી અમારા છૂટાછેડા વિશે મારી પત્નીને સ્પષ્ટ વાત કરી ત્યારથી અમારા બન્ને વચ્ચે કોઈ જ શારીરિક સંબંધ નહોતો. તેથી શરત પ્રમાણે પ્રથમ દિવસે જ્યારે મેં એને ઊંચકી ત્યારે અમને બન્નેને બહુ અતડું લાગ્યું. અમારો દીકરો તો અમારી પાછળ તાળીઓ પાડતો ખુશીથી કહેતો હતો કે : ‘આજે ડેડીએ મમ્મીને એમના હાથોમાં ઊંચકી છે……’ એના આ શબ્દોથી મને વેદના થઈ. શયનખંડથી મુખ્યખંડમાં અને તે પછી દરવાજા સુધી – એમ દસ મીટર કરતાં પણ થોડું વધુ અંતર મેં એને મારા હાથમાં લઈને કાપ્યું. એણે એની આંખો બંધ કરી અને મને એકદમ નમ્રતાપૂર્વક કહ્યું : ‘આપણા પુત્રને આપણા છૂટાછેડા વિશે વાત ન કરતાં.’ થોડા દુઃખ સાથે મેં હકારમાં માથું ધૂણાવ્યું. મેં એને દરવાજાની બહાર હાથમાંથી નીચે ઉતારી. તે કામ પર જવા બસની રાહ જોઈને ઊભી રહી અને હું કારમાં મારી ઑફીસે જવા રવાના થયો.

એ પછી બીજા દિવસે તો અમે બહુ સહજતાથી વર્તી શક્યા. તેણે મારી છાતી પર ટેકો લીધો. મને એના વસ્ત્રોમાંથી આવતી સુવાસનો અનુભવ થયો. મને એ સમજાયું કે આ સ્ત્રીને મેં છેલ્લાં ઘણા સમયથી ધ્યાનથી જોઈ પણ નથી. મને એ પણ સમજાયું કે તે હવે યુવાન નથી રહી. તેના મોં પર નાની કરચલીઓ છે અને એના વાળ પણ સફેદ થઈ રહ્યા છે. અમારા વૈવાહિક જીવને જાણે એના જોડેથી કર વસુલવાનું શરુ કર્યું હતું. એક ક્ષણ માટે તો હું વિસ્મયમાં મુકાઈ ગયો કે મેં આની જોડે શું કરી દીધું છે ! ચોથા દિવસે મેં જ્યારે એને ઊંચકી ત્યારે અમે ફરી નિકટ થઈ રહ્યાં હોઈએ એવું મને લાગવા માંડ્યું. આ એ જ સ્ત્રી હતી જેણે એની જિંદગીના દસ અણમોલ વર્ષ મને સમર્પિત કર્યા હતાં. પાંચમાં અને છઠ્ઠા દિવસે મને એહસાસ થયો કે અમારી નિકટતા વધી રહી હતી. મેં જેનને આ વાતની જાણ ના કરી. જેમ જેમ મહિનો વીતતો ગયો એમ એમ એને ઊંચકવું મારે માટે સહેલું થતું ગયું. કદાચ આ રોજની કસરત મને મજબુત બનાવી રહી હતી !

એક સવારે તે અમુક વસ્ત્રો પસંદ કરી રહી હતી. તેણે અમુક પહેરીને માપી જોયાં પરંતુ બરાબર ફીટ બેસે તેવા એકેય કપડાં નહોતાં. નિસાસો નાખતાં તે બોલી : ‘મારા બધા વસ્ત્રો માપ કરતાં મોટા થઈ ગયા છે.’ ત્યારે અચાનક મને એહસાસ થયો કે તે કેટલી બધી પાતળી થઇ ગઈ છે. કદાચ એટલે જ હું એને સહેલાઈથી ઊંચકી શકતો હતો. મનોમન મને થયું કે અરેરે… એણે પોતાના દિલની અંદર કેટલી કડવાશ અને દર્દ છુપાવી રાખ્યાં હશે. હું એની નજીક ગયો અને તેના મસ્તકનો સ્પર્શ કર્યો. બરાબર તે જ સમયે દીકરો અંદર આવ્યો અને કહ્યું : ‘ડેડ, મમ્મીને ઊંચકીને બહાર લઈ જવાનો સમય થઇ ગયો છે….’ એની માટે તો એના ડેડી રોજ એની મમ્મીને ઊંચકીને બહાર લઈ જાય એ એની જિંદગીનો જાણે એક અનિવાર્ય ભાગ બની ગયો હતો ! મારી પત્નીએ દીકરાને ઈશારાથી નજીક બોલાવ્યો અને એને હૃદય સરસો ચાંપી લીધો. મેં મારું મોં બીજી તરફ ફેરવી લીધું કારણ કે મને ભય હતો કે ક્યાંક છેલ્લી ઘડીએ હું મારું મનનાં બદલી દઉં ! પછી મેં તેને રાબેતા મુજબ મારા હાથોમાં ઊંચકી એને શયનખંડમાંથી મુખ્ય ખંડ અને પછી મુખ્યખંડના દરવાજા સુધી એને લઈ ગયો. એના હાથ મારા ગળા ફરતે એકદમ નાજુક રીતે વીંટળાયેલા હતાં. મેં એનું શરીર એકદમ સજ્જડ રીતે પકડી રાખ્યું હતું. બરાબર એ જ રીતે જે રીતે અમારા લગ્નના દિવસે પકડ્યું હતું. પરંતુ એના આટલા ઓછા વજનને લીધે હું દુઃખી હતો. મને થતું કે શું કામ એ જીવ બાળતી હશે ?

છેલ્લે દિવસે જ્યારે મેં એને મારા હાથમાં ઊંચકી ત્યારે હું એક કદમ પણ આગળ ન વધી શક્યો. દીકરો એ સમયે નિશાળે ગયો હતો. મેં એને એકદમ સજ્જડ રીતે પકડીને કહ્યું, ‘મને એવી ખબર પડી ગઈ છે કે આપણી જિંદગીમાં નિકટતાનો અભાવ હતો….’ એ પછી હું કાર લઈને ઓફીસ ગયો. કારને લોક કર્યા વગર એમાંથી ઝડપભેર કૂદકો માર્યો કારણ કે મને એ ભય હતો કે કોઈપણ પ્રકારનો વિલંબ મારો વિચાર બદલી દેશે. હું સીડીઓ ચઢીને ઉપર ગયો. જેને દરવાજો ઉઘાડ્યો અને મેં એને કહ્યું :
‘સોરી જેન, મારે હવે છૂટાછેડા નથી જોઈતા…’
તેણે મારી સામે આશ્ચર્યપૂર્વક જોયું અને પછી મારા કપાળ પર હાથ ફેરવ્યો : ‘તને તાવ તો નથી આવ્યો ને ?’
મેં એનો હાથ મારા કપાળ પરથી હટાવ્યો.
‘સોરી જેન….’ મેં કહ્યું, ‘હું છુટાછેડાં નહીં લઉં. ખાસ તો મારું વૈવાહિક જીવન એટલે નીરસ હતું કારણ કે અમે અમારી જિંદગીના મૂલ્યોની કિંમત સમજતા નહોતાં. હકીકતે એવું નથી કે અમે એકબીજાને પ્રેમ નહોતા કરતાં. હવે મને એહસાસ થાય છે કે જ્યારથી અમારા લગ્નના દિવસે હું એને મારી ઘરે લઈ ગયો હતો ત્યારથી અમારું મૃત્યુ અમને અલગ ન કરે ત્યાં સુધી મારે એને સાથ આપવાનો જ હોય.’ મારી વાત સાંભળીને જેન જાણે અચાનક નિંદ્રામાંથી ઉઠી હોય એમ આવાક થઇ ગઈ અને મને જોરથી એક તમાચો માર્યો અને પછી એટલા જ જોરથી દરવાજો બંધ કરીને ચોધાર આંસુએ રડી પડી. હું સીડીઓ ઊતરીને નીચે ગયો અને પછી કાર લઈને નીકળી ગયો.

રસ્તામાં એક ફૂલોની દુકાનમાંથી મેં મારી પત્ની માટે ગુલદસ્તો ખરીદ્યો. દુકાનદારે મને કાર્ડમાં કંઈક લખવા વિશે પૂછ્યું. મેં સ્મિત કર્યું અને લખ્યું, ‘મોત આપણને અલગ ન કરી દે ત્યાર સુધી હું દરરોજ સવારે તને ઊંચકીશ….’ તે સાંજે હું ઘરે આવ્યો. મારા હાથોમાં ગુલદસ્તો અને મુખ પરની મુસ્કાન સાથે હું સીડી ચઢી ઉપર મારી પત્નીને મળવા ગયો…. પણ એ સમયે એણે એના દેહનો સાથ છોડી દીધો હતો.

એ પછી મને ખબર પડી કે મારી પત્ની છેલ્લા અમુક મહિનાઓથી કેન્સરથી પીડાતી હતી. તેનું વજન ઘટતું જતું હતું. પરંતુ હું તો જેન સાથે એટલો વ્યસ્ત હતો કે મેં આની કોઈ નોંધ જ લીધી નહોતી. એને ખબર હતી કે તે જલ્દી જ આ સંસાર ત્યજી દેશે. મારા દીકરા સામે મારી કહેવાતી છાપ ખરાબ ન થાય એટલે તેણે છૂટાછેડાની વાત આગળ ન ધપાવી. કમસેકમ હું મારા પુત્રની સમક્ષ એની આંખોમાં એક પ્રેમાળ પતિ તરીકે રહી શકું તેથી તેણે આમ કર્યું.

ખરેખર તો આપણા જીવનની સુક્ષ્મ બાબતો જ આપણા જીવનમાં સૌથી અગત્યની હોય છે. એ નથી હવેલી, નથી ગાડીઓ, નથી મિલકત કે નથી બેંકમાં જમા કરેલાં આપણા નાણાં. આ બધી ભૌતિક વસ્તુઓ ખુશીઓનું કારણ બની શકે પરંતુ એ પોતે તો ખુશીઓ ન જ આપી શકે. એટલે તમારા જીવનસાથીના મિત્ર બનવા માટે સમય ફાળવો અને એકબીજા માટે એ તમામ નાની ઝીણી-ઝીણી વસ્તુઓ કરો કે જેનાથી તમારી નિકટતા વધી શકે. ખરા અર્થમાં ખુશખુશાલ વૈવાહિક જીવનની તમને શુભકામનાઓ !

– અનુ. વૈશાલી માહેશ્વરી

बस 1 मिनट हाथ की ऊँगलियों को रगड़ने से शरीर का दर्द गायब

ध्यान दे

बस 1 मिनट हाथ की ऊँगलियों को रगड़ने से शरीर का दर्द गायब हो जाता है।

संवेदनशीलता की प्राचीन जापानी कला के अनुसार, प्रत्येक ऊँगली विशेष बीमारी और भावनाओं के साथ जुड़ी  होती  हैं। हमारे हाथ की पाँचों ऊँगलियाँ शरीर के अलग अलग अंगों से जुड़ी होती हैं। इसका मतलब आप को दर्द नाशक दवाइयाँ खाने की बजाए इस आसान और प्रभावशाली  तरीके का इस्तेमाल करना करना चाहिए । आज इस लेख के माध्यम  से हम आपको जानेंगे, के शरीर के किसी हिस्से का दर्द सिर्फ हाथ की ऊँगली को रगड़ने से कैसे दूर होता है ।

हमारे हाथ की अलग अलग ऊँगलियाँ अलग अलग बीमारियों और भावनाओं से जुड़ी होती हैं।
शायद् आप को पता न हो , हमारे हाथ की ऊँगलियाँ, चिंता , डर और चिड़चिड़ापन दूर करने की क्षमता रखती है । ऊँगलियों पर धीरे से दबाव डालने से शरीर के कई अंगो पर प्रभाव पड़ेगा ।

आइये हम ये जानने की कोशिश करते है, की, कैसे हाथ की ऊँगलियों को रगड़ने से, हो सकता है शरीर का दर्द दूर ?

1. अंगूठा- The Thumb – हाथ का अँगूठा हमारे फेफड़ों से जुड़ा होता है।अगर आप की दिल की धड़कन तेज है तो हलके हाथों से अँगूठे पर मसाज करें और हल्का सा खिचें। इससे आप को आराम मिलेगा

2. तर्जनी -The Index Finger – ये ऊँगली आँतों ( gastro intestinal tract) से जुडी होती है।
अगर आपके पेट में दर्द है, तो इस उंगली को हल्का सा रगड़े , दर्द कम हेता महसूस होगा।

3. बीच की ऊँगली -The Middle Finger- ये ऊँगली परिसंचरण तंत्र तथा circulation system से जुडी होती है । अगर आप को चक्कर या आपका जी घबरा रहा है तो इस ऊँगली पर मालिश करने से तुरंत रहत मिलेगी।

4. तीसरी ऊँगली – The Ring Finger- ये ऊँगली आपकी मनोदशा से जुडी होती है।अगर किसी कारण आपकी मनोदशा अच्छी नहीं है ,या शाँति चाहते हैं तो इस ऊँगली को हल्का सा मसाज करें और खीचें ,आपको जल्द ही इस के अच्छे नतीजे प्राप्त हो जायेंगे ,आप का मन खिल उठेगा

5. छोटी उंगली – The Little Finger-छोटी ऊँगली का किडनी और सिर के साथ सम्बन्ध होता है।
अगर आप को सिर में दर्द है तो इस ऊँगली को हल्का सा दबाये और मसाज करे ,आप का सिर दर्द गयब हो जायेगा ।इसे मसाज करने से किडनी भी तंदूरुस्त रहती  है और हम स्वस्थ रहते हैं।

इसके साथ-साथ आज में जीने की कोशिश करें कल अपने आप सुधरता जाएगा।

બાળપણનુ મારૂ ફળીયુ ખોવાયુ..



બાળપણનુ મારૂ ફળીયુ ખોવાયુ
રમતો હૂ એ મારુ આંગણુ ખોવાયુ

નથી છીપાતી તરસ ફ્રીજના પાણીથી 
રસોડામા રમતું એ પાણીયારુ ખોવાયુ

બધી મળી બેડરૂમમા મને સગવડ પણ 
મીઠી નિંદર માણતો એ ધોડીયુ ખોવાયુ

નથીને આવતુ લુંછવા આંસુ આજ કોઈ 
મારી માં લૂંછતી એ આજ ઓઢણુ ખોવાયુ

થાકી જવાય છે થોડુ જ અંતર ચાલતા હવે 
કિલોમીટર દોડાવતુ એ મારુ પૈડુ ખોવાયુ

બત્રીસ ભાતના ભોજન કયા ભાવે છે હવે 
ગોળ ઘીનુ મારી બેનીનુ એ ચુરમૂ ખોવાયુ

મારવા પડે છે દરેક દ્વારે ટકોરા હવે 
સીધો જાતો એ ખુલ્લુ હવે બારણું ખોવાયુ

નથી ભૂંસી શકતો હવે લખેલુ આ કાગળનુ 
દફ્તરની એ મારી પેનને પાટીયું ખોવાયુ

હજારો દોસ્તો છે ઘાયલ ફેસબુકને વૉટસએપમા 
લંગોટીયા યાર સાથેનુ મારુ ગામડું ખોવાયુ

अतिसुन्दर प्रार्थना..

🔔   अतिसुन्दर प्रार्थना   🔔 

          सुकून उतना ही देना,
  प्रभु जितने से जिंदगी चल जाए,
     औकात बस इतनी देना, कि,
        औरों  का भला हो जाए,
    रिश्तो में गहराई इतनी हो, कि,
          प्यार से निभ जाए,
    आँखों में शर्म इतनी देना, कि,
       बुजुर्गों का मान रख पायें,
     साँसे पिंजर में इतनी हों, कि,
        बस नेक काम कर जाएँ,
          बाकी उम्र ले लेना, कि,
      औरों पर बोझ न बन जाएँ


ऐसा है हमारे कान्हा का प्यार, ..

एक पंडित था, वो रोज घर घर जाके भगवत गीता का पाठ करता था |

एक दिन उसे एक चोर ने पकड़ लिया और उसे कहा तेरे पास जो कुछ भी है मुझे दे दो ,
तब वो पंडित जी बोला की बेटा मेरे पास कुछ भी नहीं है,
तुम एक काम करना मैं यहीं पड़ोस के घर मैं जाके भगवत गीता का पाठ करता हूँ,

वो यजमान बहुत दानी लोग हैं, जब मैं कथा सुना रहा होऊंगा
तुम उनके घर में जाके चोरी कर लेना!

चोर मान गया
अगले दिन जब पंडित जी कथा सुना रहे थे तब वो चोर भी वहां आ गया तब पंडित जी बोले की यहाँ से मीलों दूर एक गाँव है वृन्दावन, वहां पे एक लड़का आता है जिसका नाम कान्हा है,वो हीरों जवाहरातों से लदा रहता है,

अगर कोई लूटना चाहता है तो उसको लूटो वो रोज रात को इस पीपल के पेड़ के
नीचे आता है,।
जिसके आस पास बहुत सी झाडिया हैं चोर ने ये सुना और ख़ुशी ख़ुशी वहां से चला गया!

वो चोर अपने घर गया और अपनी बीवी से बोला आज मैं एक कान्हा नाम के बच्चे को
लुटने जा रहा हूँ ,
मुझे रास्ते में खाने के लिए कुछ बांध कर दे दो ,पत्नी ने कुछ सत्तू उसको दे दिया
और कहा की बस यही है जो कुछ भी है,

चोर वहां से ये संकल्प लेके चला कि अब तो में उस कान्हा को लुट के ही आऊंगा,

वो बेचारा पैदल ही पैदल टूटे चप्पल में ही वहां से चल पड़ा,
रास्ते में बस कान्हा का नाम लेते हुए, वो अगले दिन शाम को वहां पहुंचा जो जगह उसे
पंडित जी ने बताई थी!

अब वहां पहुँच के उसने सोचा कि अगर में यहीं सामने खड़ा हो गया तो बच्चा मुझे देख कर
भाग जायेगा तो मेरा यहाँ आना बेकार हो जायेगा,
इसलिए उसने सोचा क्यूँ न पास वाली झाड़ियों में ही छुप जाऊँ,
वो जैसे ही झाड़ियों में घुसा, झाड़ियों के कांटे उसे चुभने लगे!

उस समय उसके मुंह से एक ही आवाज आयी...
कान्हा, कान्हा , उसका शरीर लहू लुहान हो गया पर मुंह से सिर्फ यही निकला,
कि कान्हा आ जाओ! कान्हा आ जाओ!

अपने भक्त की ऐसी दशा देख के कान्हा जी चल पड़े
तभी रुक्मणी जी बोली कि प्रभु कहाँ जा रहे हो वो आपको लूट लेगा!

प्रभु बोले कि कोई बात नहीं अपने ऐसे भक्तों के लिए तो मैं लुट जाना तो क्या
मिट जाना भी पसंद करूँगा!

और ठाकुर जी बच्चे का रूप बना के आधी रात को वहां आए वो जैसे ही पेड़ के पास पहुंचे
चोर एक दम से बहार आ गया और उन्हें पकड़ लिया और बोला कि
ओ कान्हा तुने मुझे बहुत दुखी किया है, अब ये चाकू देख रहा है न, अब चुपचाप अपने
सारे गहने मुझे दे दे...
कान्हा जी ने हँसते हुए उसे सब कुछ दे दिया!

वो चोर हंसी ख़ुशी अगले दिन अपने गाँव में वापिस पहुंचा,
और सबसे पहले उसी जगह गया जहाँ पे वो पंडित जी कथा सुना रहे थे,

और जितने भी गहने वो चोरी करके लाया था उनका आधा उसने पंडित जी के
चरणों में रख दिया!

जब पंडित ने पूछा कि ये क्या है, तब उसने कहा आपने ही मुझे उस कान्हा का पता दिया था
मैं उसको लूट के आया हूँ, और ये आपका हिस्सा है , पंडित ने सुना और उसे यकीन ही
नहीं हुआ!

वो बोला कि मैं इतने सालों से पंडिताई कर रहा हूँ
वो मुझे आज तक नहीं मिला, तुझ जैसे पापी को कान्हा कहाँ से मिल सकता है!

चोर के बार बार कहने पर पंडित बोला कि चल में भी चलता हूँ तेरे साथ वहां पर,
मुझे भी दिखा कि कान्हा कैसा दिखता है, और वो दोनों चल दिए!

चोर ने पंडित जी को कहा कि आओ मेरे साथ यहाँ पे छुप जाओ,
और दोनों का शरीर लहू लुहान हो गया और मुंह से बस एक ही आवाज निकली
कान्हा, कान्हा, आ जाओ!

ठीक मध्य रात्रि कान्हा जी बच्चे के रूप में फिर वहीँ आये ,
और दोनों झाड़ियों से बहार निकल आये!

पंडित जी कि आँखों में आंसू थे वो फूट फूट के रोने लग गया, और जाके चोर के चरणों में गिर गया और बोला कि हम जिसे आज तक देखने के लिए तरसते रहे,
जो आज तक लोगो को लुटता आया है, तुमने उसे ही लूट लिया तुम धन्य हो,
आज तुम्हारी वजह से मुझे कान्हा के दर्शन हुए हैं,
तुम धन्य हो......!!

ऐसा है हमारे कान्हा का प्यार, अपने सच्चे भक्तों के लिए ,
जो उसे सच्चे दिल से पुकारते हैं, तो वो भागे भागे चले आते हैं.....!!
प्रेम से कहिये श्री राधे ~ हे राधे ! जय जय श्री राधे-----
मेरो तो गिरधर-गोपाल, दूसरो न कोई
!!!! ॐ नमोः भगवतेः वासुदेवायः !!!!
!!!! श्री राधा कृष्णाय नमः !!!!
!!!! जय जय श्री राधे कृष्ण !!!!
!!!! जय राधे राधे दिल से !!!!

देने वाला कौन??

देने वाला कौन??

एक लकड़हारा रात-दिन लकड़ियां काटता,
मगर कठोर परिश्रम के बावजूद उसे आधा पेट भोजन ही मिल पाता था।
एक दिन उसकी मुलाकात एक साधु से हुई।
लकड़हारे ने साधु से कहा कि जब भी आपकी प्रभु से मुलाकात हो जाए,
मेरी एक फरियाद उनके सामने रखना और मेरे कष्ट का कारण पूछना..
कुछ दिनों बाद उसे वह साधु फिर मिला।
लकड़हारे ने उसे अपनी फरियाद की याद दिलाई तो साधु ने कहा कि---
प्रभु ने बताया हैं कि लकड़हारे की आयु 60 वर्ष हैं
और उसके भाग्य में पूरे जीवन के लिए सिर्फ पाँच बोरी अनाज हैं,
इसलिए प्रभु उसे थोड़ा अनाज ही देते हैं ताकि वह 60 वर्ष तक जीवित रह सके।
समय बीता। साधु उस लकड़हारे को फिर मिला तो लकड़हारे ने कहा---
ऋषिवर...!! अब जब भी आपकी प्रभु से बात हो तो मेरी यह फरियाद उन तक पहुँचा देना
कि वह मेरे जीवन का सारा अनाज एक साथ दे दें,
ताकि कम से कम एक दिन तो मैं भरपेट भोजन कर सकूं।
अगले दिन साधु ने कुछ ऐसा किया कि लकड़हारे के घर ढ़ेर सारा अनाज पहुँच गया।
लकड़हारे ने समझा कि प्रभु ने उसकी फरियाद कबूल कर उसे उसका सारा हिस्सा भेज दिया हैं।
उसने बिना कल की चिंता किए, उसने सारे अनाज का भोजन बनाकर फकीरों और
भूखों को खिला दिया और खुद भी भरपेट खाया।लेकिन अगली सुबह उठने पर उसने
देखा कि उतना ही अनाज उसके घर फिर पहुंच गया हैं।उसने फिर गरीबों को खिला दिया।
फिर उसका भंडार भर गया। यह सिलसिला रोज-रोज चल पड़ा और
 लकड़हारा लकड़ियां काटने की जगह गरीबों को खाना खिलाने में व्यस्त रहने लगा।
कुछ दिन बाद वह साधु फिर लकड़हारे को मिला तो लकड़हारे ने कहा---
ऋषिवर ! आप तो कहते थे कि मेरे जीवन में सिर्फ पाँच बोरी अनाज हैं,
लेकिन अब तो हर दिन मेरे घर पाँच बोरी अनाज आ जाता हैं।साधु ने समझाया,
तुमने अपने जीवन की परवाह ना करते हुए अपने हिस्से का अनाज गरीब व भूखों को खिला दिया,
इसीलिए प्रभु अब उन गरीबों के हिस्से का अनाज तुम्हें दे रहे हैं।
सार-किसी को भी कुछ भी देने की शक्ति हम में है ही नहीं ,
हम देते वक्त ये सोचते हैं, की जिसको कुछ दिया तो ये मैंने दिया!
दान, वस्तु, ज्ञान, यहाँ तक की अपने बच्चों को भी कुछ देते दिलाते हैं
तो कहते हैं मैंने दिलाया, ।
 वास्तविकता ये है कि वो उनका अपना है आप को सिर्फ परमात्मा ने निहित मात्र बनाया हैं
उन तक उनकी जरूरतों को पोहचाने के लिये
तो निहित होने का घमंड कैसा??

સંબંધો ને ..


સરળ છે...



ડોક્ટર થવું સરળ છે.
સી.એ થવું સરળ છે. 
એન્જીનીર થવું સરળ છે.
પણ "સરળ " થવુ 
બહુ અઘરું છે.

हावड़ा ब्रिज के बारे में तथ्य – Fact about Howrah Bridge

हावड़ा ब्रिज के बारे में तथ्य – Fact about Howrah Bridge
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1. हावड़ा ब्रिज हुगली नदी पर बना एक बहुत ही मशहूर पुल है जो पश्चिम बंगाल के दो बड़े शहरों हावड़ा और कोलकाता को जोड़ता है। यह कोलकाता की संस्कृति का प्रतीक बन चुका है।

2. यह दुनिया का सबसे व्यस्त (Busiest) पुल है।

3. यह पुल/सेतु 2,313 फ़ीट लम्बा और 269 फ़ीट ऊँचा है। इसकी चौड़ाई 71 फ़ीट है, जिसमें दोनों तरफ 15-15 फ़ीट चौड़े दो फूटपाथ भी हैं।

4. यह पुल 73 साल पुराना है। इसे बनने में लगभग 6 साल लगे। 3 फ़रवरी, 1943 में इसका इस्तेमाल शुरू हुआ, जो आज तक जारी है।

5. हावड़ा ब्रिज पर हर रोज 1 लाख से भी ज्यादा गाड़ियाँ गुजरती हैं और 1.5 लाख पैदलयात्री (वर्तमान में इससे भी ज्यादा) इस पर चलते हैं।

6. इसकी क्षमता 60,000 टन वजन सहने की है। लेकिन बढ़ती जनसंख्या ने ट्रैफिक को इतना बढ़ा दिया कि आज हावड़ा ब्रिज पर हर समय 90,000 टन का वजन रहता है। इसीलिए कई ट्रामों और ज्यादा वजनी ट्रकों को दूसरे रास्तों या पुलों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।

7. यह पूरा पुल उच्च-तन्य मिश्रधातु (High-tensile alloy) स्टील का बना हुआ है, जिसे Tiscrom कहा जाता है।

8. इसे बनाने में 26,500 टन स्टील खपत हुई थी, जिसमें से 87% स्टील ‘टाटा स्टील कम्पनी’ द्वारा ख़रीदा गया था।

9. इस परियोजना (Project) के लिए सारी स्टील इंग्लैंड से लायी जा रही थी। लेकिन जापान के धमकी की वजह से सिर्फ 3000 टन स्टील ही लाया जा सका। बाकि स्टील की खरीद ‘टाटा स्टील’ से की गयी।

10. आज जहाँ हावड़ा ब्रिज है दरअसल वहाँ कभी पोंटून (Pontoon) सेतु था, जिसे विकसित करके हावड़ा ब्रिज बनाया गया।

11. शुरुआत में इसका नाम ‘न्यू हावड़ा ब्रिज’ था। 14 जून, 1965 में बंगला साहित्य के महान कवि; प्रथम एशियाई और प्रथम भारतीय नोबेल पुरष्कार विजेता ‘रवींद्रनाथ टैगोर’ के सम्मान में इसका नाम बदलकर ‘रवीन्द्र सेतु’ कर दिया गया। लेकिन यह आज भी हावड़ा ब्रिज के नाम से ही जाना जाता है।

12. हुगली नदी पर हावड़ा ब्रिज के अलावा 5 और सेतु हैं:

विद्यासागर सेतु (दूसरी हुगली ब्रिज)
विवेकानन्द सेतु
निवेदिता सेतु
ईश्वर गुप्ता सेतु
नसीरपुर रेल ब्रिज (निर्माणाधीन)

101 ગુજરાતી કહેવતો....

101 ગુજરાતી કહેવતો..👌
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😋તમને કેટલી કેહવત યાદ છે ?

💚૧, બોલે તેના બોર વહેચાય
💚૨. ના બોલવામાં નવ ગુણ
💚૩. ઉજ્જડ ગામમાં ઍરંડો પ્રધાન
💚૪. ડાહ્યી સાસરે ન જાય અને ગાંડીને શીખામણ આપે
💚૫. સંપ ત્યાં જંપ
💚૬. બકરું કઢતા ઉંટ પેઠું
💚૭.રાજા, વાજા અને વાંદરાં ત્રણેય સરખાં
💚૮. સિધ્ધિ તેને જઈ વરે ,જે પરસેવે ન્હાય
💚૯. બગલમાં છરી અને ગામમાં ઢંઢેરો
💚૧૦. લૂલી વાસીદુ વાળે અને
💖 સાત જણને કામે લગાડે
💚૧૧. અધૂરો ઘડો છલકાય ઘણો
💚૧૨. ખાલી ચણો વાગે ઘણો
💚૧૩. પારકી મા જ કાન વિંધે
💚૧૪. જ્યાં ન પહોચે રવિ, ત્યાં પહોંચે કવિ
💖અને જ્યાં ન પહોંચે કવિ
💖ત્યાં પહોંચે અનુભવી
💚૧૫. ટીંપે ટીંપે સરોવર ભરાય
💚૧૬. દૂરથી ડુંગર રળિયામણાં
💚૧૭. લોભી હોય ત્યાં
💖ધૂતારા ભૂખે ન મરે
💚૧૮. શેરને માથે સવાશેર
💚૧૯. શેઠની શીખામણ ઝાંપા સુધી
💚૨૦. હિરો ગોગે જઈને આવ્યો
💖અને ડેલીએ હાથ દઈને પાછો આવ્યો
💚૨૧. વડ જેવા ટેટા ને બાપ જેવા બેટાં
💚૨૨. પાડાનાં વાંકે પખાલીને ડામ
💚૨૩. રામ રાખે તેને કોણ ચાખે
💚૨૪. ઊંટના અઢાર વાંકા
💚૨૫. ઝાઝા હાથ રળીયામણાં
💚૨૬. કીડીને કણ ને હાથીને મણ
💚૨૭. સંગર્યો સાપ પણ કામનો
💚૨૮. ખોદ્યો ડુંગર, નીકળ્યો ઉંદર
💚૨૯. નાચ ન જાને આંગન ટેઢા
💚૩૦. ઝાઝી કીડીઓ સાપને તાણે
💚૩૧. ચેતતા નર સદા સુખી
💚૩૨. સો દહાડા સાસુના
💖એક દાહડો વહુનો
💚૩૩. વાડ થઈને ચીભડાં ગળે
💚૩૪. ઉતાવળે આંબા ન પાકે
💚૩૫. સાપ ગયા અને લીસોટા રહી ગયા
💚૩૬. મોરનાં ઈંડા ચીતરવા ન પડે
💚૩૭. પાકા ઘડે કાંઠા ન ચડે
💚૩૮. કાશીમાં પણ
💖કાગડા તો કાળા જ
💚૩૯. કૂતરાની પૂંછડી જમીનમાં દટો તો પણ વાંકી ને વાંકી જ
💚૪૦. પુત્રનાં લક્ષણ પારણાં માં ,અને વહુનાં લક્ષણ બારણાં માં
💚૪૧. દુકાળમાં અધિક માસ

काबिलियत



बहुत समय पहले की बात है , 
एक राजा को उपहार में किसी ने बाज
के दो बच्चे भेंट किये ।
वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे , और
राजा ने कभी इससे पहले इतने
शानदार बाज नहीं देखे थे।
राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक
अनुभवी आदमी को नियुक्त कर
दिया।
जब कुछ महीने बीत गए
तो राजा ने बाजों को देखने का मन
बनाया , और उस जगह पहुँच गए
जहाँ उन्हें पाला जा रहा था।
राजा ने देखा कि दोनों बाज
काफी बड़े हो चुके थे और अब पहले से
भी शानदार लग रहे थे ।
राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे
आदमी से कहा, ” मैं इनकी उड़ान
देखना चाहता हूँ , तुम इन्हे उड़ने का इशारा करो ।
“ आदमी ने ऐसा ही किया।
इशारा मिलते ही दोनों बाज
उड़ान भरने लगे , पर जहाँ एक बाज
आसमान की ऊंचाइयों को छू
रहा था , वहीँ दूसरा , कुछ ऊपर जाकर वापस उसी डाल पर आकर बैठ
गया जिससे वो उड़ा था।
ये देख ,राजा को कुछ अजीब लगा.
“क्या बात है जहाँ एक बाज
इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये
दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा ?”,

राजा ने सवाल किया।
” जी हुजूर , इस बाज के साथ शुरू से
यही समस्या है , वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं।”
राजा को दोनों ही बाज प्रिय थे , और वो दुसरे बाज
को भी उसी तरह उड़ना देखना चाहते थे।
अगले दिन पूरे राज्य में ऐलान
करा दिया गया कि जो व्यक्ति इस
बाज को ऊँचा उड़ाने में कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम
दिया जाएगा।
फिर क्या था , एक से एक विद्वान् आये और बाज..

વેપારી મિત્રોને અર્પણ..

વેપારી મિત્રોને અર્પણ..

મંદી આખી દુનિયામાં છે,આપણા એકના ઘરે નથી.

જેટલું વધારે બોલશો તેટલું વધુ વખત તમને પોતાને વધારે સંભળાશે, સહુથી વધુ અસર તમને થશે. શાંતિથી કામ કર્યે જાવ,વહેલું મોડું પ્રયત્ન નું પરિણામ મળશે

મંદી માર્કેટમાં છે, તેને મન પર હાવી ન  થવા દેવી.

૨૦૦૮ ની મંદી માંથી કશું શીખ્યા નથી એટલે આજે આ વારો છે.

આપણા  ઘરડાઓ બે વર્ષના દાણા નીણ નો બચત સ્ટોક રાખતા આપણે રાખ્યો નહિ.

અઠવાડિયા માં એક સફળ બિઝનેસમેન ને મળો.

વેપાર કાયદાકીય અને બેંકથી  કરવા ની ટેવ પાડવી. કોઈ નાદાર થાય તો કાયદાકીય પગલા લઇ શકાય.

વૃક્ષ જ્યાં હોય ત્યાં વિકસે, તેને ઉખેડી બીજે ફેરવાય નહી.  ધંધો ફેરવવાની જરૂર નથી, તેમાં ફેરફાર કરી પરીવર્તન લાવો.

જ્યાં માણસ કરતા માલ વધે જાય ત્યાં મંદી આવે.

જેમ અંધકાર વાળી રાત વીતે પછી ઉગતો  દિવસ આવે, ભરતી ઓટ આવ્યા કરે તેમ ધંધા માં તેજી મંદી આવ્યા કરે.પ્લાનિંગ કરી ચાલવું.

વેચાણ વધુ કરવું, બે પૈસા સસ્તું આપવું,રોકડે થી વેપાર કરવો. ઉધારી વધુ ટકતી નથી, ધંધાને તોડી નાખે છે.

વેપારમાં બહુ ગરજ ન બતાવવી, લોકો વધુ તમારો ગેરફાયદો ઉઠાવશે. લાલચમાં આવીને તમારી પોલીસી, નિયમો, સીસ્ટમને તોડવી નહિ.

વેપારમાં કોમ્પીટીશન હોય ત્યાં ક્રીયેટીવીટી જીત અપાવે.

વેપાર નબળો પડવાનું એક કારણ છેલ્લા ઘણા સમયથી વેપારમાં કશું પરિવર્તન જ નહિ કર્યું હોય. ચેક કરવું.

માર્કેટ નબળું નથી, લોકો તો પ્રોડક્શન વધારે છે.

ભારતમાં દર કલાકે ૫૧ બાળકો જન્મે છે.આ નવા કસ્ટમર જ છે.એક જાય ને બીજો ભટકાય છે.

દુનિયા આખી ભારતમાં કંપનીની બ્રાંચ ખોલવા ઈચ્છે છે. લોકો એને કેમ પકડે છે કારણ તમે ચીલા ચાલુ છો. તમારી પાસે યુનિક વસ્તુ નથી,નવું નથી.

એક કામ પર નિર્ભર ન રહેવું, બીજા કામ શીખતા રહો.
તમારા શોખ પુરા કરો , બને કે મંદીના સમયમાં એ તમને રોજી રોટી અપાવે.

કમાવાની સાથે બચત કરવી.

તમારી પાસે ૧૦ રૂપિયા હોય તો ૫ થી ૭ રૂપિયા નું કામ પાડો,બાકી ની બચત કરો. પરિસ્થિતિ ત્યારે ગંભીર બને રૂપિયા ૧૦ હોયને કામ ૫૦ નું પડે

અનુભવે શીખ આપી….

કાર બેફામ ચલાવતો એક યુવાન ટ્રાફિક પોલીસની પણ ચિંતા ન કરે. રોકે તો દંડ ભરી દે.

એક દિવસ એક ટ્રાફિક પોલીસે તેને રોક્યો નહી.આશ્ચર્ય થયું.બીજા દિવસે પણ પોલીસે તેને ન રોક્યો.આમ ત્રીજા દિવસે પણ એમ જ બન્યું.તે રીવર્સમાં ગાડી લઇ પોલીસ પાસે ગયો અને કહ્યું કે રસીદ આપો અને દંડ લઇ લો….

પોલીસે નોટબુક કાઢી થોડુક લખ્યું અને તેને આપી જતો રહ્યો….
પોલીસે રસીદને બદલે એક પત્ર લખેલો .

તેમાં લખ્યું હતું કે,’મારી લાડકી દીકરી આ જ રીતે બેફામ ડ્રાઈવિન્ગનો ભોગ બની છે. ચાલકને સજા થઇ,દંડ થયો,પણ મને આખી જિંદગી વિદાયનું દુખ મળ્યું……’
પત્ર વાચી યુવાન ધ્રુજી ઉઠ્યો ,,

ઘેર ગયો…

પુત્રીને વ્હાલ કર્યું.
અને ત્યારથી કારની સ્પીડ ધીમી થઇ ગઈ..

અનુભવે શીખ આપી….

मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में जानकारी ..

मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती लेकिन मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित होती है ।

इमरजेंसी नंबर ---

दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112 है । अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं
तो 112 नंबर द्वारा आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें। ख़ास बात यह है कि यह नंबर तब भी काम करता है जब आपका की पैड लौक हो।

जान अभी बाकी है---

मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल करनी हो, ऐसे में आप *3370# डायल करें । आपका मोबाइल फिर से चालू हो जायेगा और आपका सेलफोन बैटरी में 50 प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा। मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे।

मोबाइल चोरी होने पर---

मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है, फोन को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके । अपने फोन के सीरियल नंबर को चेक करने के लिए *#06# दबाएँ । इसे दबाते ही आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड नंबर आयेगा। इसे नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। जब आपका फोन खो जाए उस दौरान अपने सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा।

कार की चाभी खोने पर ---

जीवन” का नवीन अर्थ ..

------------------पिज्जा------------------------



पत्नी ने कहा - आज धोने के लिए ज्यादा कपड़े मत निकालना…
पति- क्यों??
उसने कहा..- अपनी काम वाली बाई दो दिन नहीं आएगी…
पति- क्यों??
पत्नी- गणपति के लिए अपने नाती से मिलने बेटी के यहाँ जा रही है, बोली थी…
पति- ठीक है, अधिक कपड़े नहीं निकालता…
पत्नी- और हाँ!!! गणपति के लिए पाँच सौ रूपए दे दूँ उसे? त्यौहार का बोनस..
पति- क्यों? अभी दिवाली आ ही रही है, तब दे देंगे…
पत्नी- अरे नहीं बाबा!! गरीब है बेचारी, बेटी-नाती के यहाँ जा रही है, तो उसे भी अच्छा लगेगा… और इस महँगाई के दौर में उसकी पगार से त्यौहार कैसे मनाएगी बेचारी!!
पति- तुम भी ना… जरूरत से ज्यादा ही भावुक हो जाती हो…
पत्नी- अरे नहीं… चिंता मत करो… मैं आज का पिज्जा खाने का कार्यक्रम रद्द कर देती हूँ… खामख्वाहपाँच सौ रूपए उड़ जाएँगे, बासी पाव के उन आठ टुकड़ों के पीछे…
पति- वा, वा… क्या कहने!! हमारे मुँह से पिज्जा छीनकर बाई की थाली में??
तीन दिन बाद… पोंछा लगाती हुई कामवाली बाई से पति ने पूछा...
पति- क्या बाई?, कैसी रही छुट्टी?
बाई- बहुत बढ़िया हुई साहब… दीदी ने पाँच सौ रूपए दिए थे ना.. त्यौहार का बोनस..

Take all you can eat but ..

Nice Board :
Good awarness ..




Take all you can eat but ..

ચાલ ભેગા થઈએ ..

" कन्यादान “ जाओ , मैं नहीं मानता इसे ,




" कन्यादान “ जाओ , मैं नहीं मानता इसे ,
क्योंकि मेरी बेटी कोई चीज़ नहीं ,
जिसको दान में दे दूँ ;


मैं बांधता हूँ बेटी तुम्हें एक पवित्र बंधन में ,
पति के साथ मिलकर निभाना तुम ,

मैं तुम्हें अलविदा नहीं कह रहा ,
आज से तुम्हारे दो घर ,

जब जी चाहे आना तुम ,जहाँ जा रही हो ,
खूब प्यार बरसाना तुम ,
सब को अपना बनाना तुम ,
पर कभी भी ,न मर मर के जीना ,
न जी जी के मरना तुम ,

तुम अन्नपूर्णा , शक्ति , रति सब तुम ,
ज़िंदगी को भरपूर जीना तुम ,न तुम बेचारी , न अबला ,
खुद को असहाय कभी न समझना तुम ,

मैं दान नहीं कर रहा तुम्हें ,

मोहब्बत के एक और बंधन में बाँध रहा हूँ ,
उसे बखूबी निभाना तुम .................

Useful info for Car Owner..

it's nice when someone remembers..

सूखे की वजह क्या है ?..........



क्या आप जानते हैं कि *सूखे की वजह क्या है ?..........

*आप को लगेगा अजीब बकवास है किन्तु यही अटल सत्य है.. .
*पीपल, बरगद और नीम के पेडों को लगाना बन्द किया गया*
*पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड को 100% सोख लेता है, बरगद़ 80% और 75 %*
*कुछ लोगो को खुश करने के चक्कर में इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले यूकेलिप्टस जोकि बहुत तेजी से बढ़ता है और दलदल वाली जमीन को सूखा करने के लिए लगाया जाता है, लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है। यह पेड़ पिछले 40 वर्ष से सभी राजमार्गों के दोनों तरफ लगाये जा रहे हैं।
*अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही*
हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा
*वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए* पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है जिसकी वजह से शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं।
वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच। पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमस्तुते।

भावार्थ तो समझ ही गए होंगे।

*इन जीवनदायी पेड़ो को ज्यादा से ज्यादा लगाये तथा इसके साथ नीम और बरगद के पौधे लगाएं । *जिसके पास इतनी जग़ह न हो वह तुलसी जी का पौधा लगाये*
*आइये हम सब मिलकर अपने "हिंदुस्तान" को प्राकृतिक आपदाओं से बचाये ।

એક ગાડીની સરખામણી બીજી ગાડી સાથે :

એક ગાડીની સરખામણી બીજી ગાડી સાથે :

એક છોકરો એના પિતા સાથે ફરવા માટે નિકળ્યો હતો. પિતા ગાડી ચલાવતા હતા અને દિકરો બાજુમાં બેઠો હતો. પિતાને એમની આ i10 કાર ખુબ વહાલી હતી.એટલે ખુબ કાળજીપૂર્વક લગભગ 80ની સ્પીડથી ગાડી ચલાવી રહ્યા હતા.
થોડીવાર પછી એક હોન્ડાસીટી કાર આ ગાડીને ઓવરટેક કરીને આગળ નીકળી ગઇ. બાજુની સીટ પર બેઠેલા દિકરાએ પિતાને કહ્યુ," પપ્પા, જુઓ જુઓ, આ ગાડી આપણી આગળ નીકળી ગઇ. સતમે બહુ ધીમી ગાડી ચલાવો છો પપ્પા. હવે તમે પણ જરા લીવરનો ઉપયોગ કરો આપણે એ ગાડીને ઓવરટેક કરી લઇએ." પિતાએ હસતા હસતા કહ્યુ," બેટા એ શક્ય નથી કારણકે આપણી ગાડી કરતા એ ગાડીની કેપેસીટી વધુ સારી છે અને એટલે આપણે આપણી ગાડીનું લીવર ગમે તેટલુ દાબીએ તો પણ આપણે એ કારને ઓવરટેઇક ન કરી શકીએ.“

હજુ તો બાપ-દિકરા વચ્ચેની વાત ચાલુ જ હતી ત્યાં એક મર્સીડીસ કાર વાયુવેગે આવી અને સાઇડ કાપીને આગળ નીકળી ગઇ, છોકરાએ પિતાને કહ્યુ, "શું પપ્પા તમે પણ આમ ગાડી ચલાવાતા હશે! આ બીજી ગાડી પણ આપણી આગળ નીકળી ગઇ જરા લીવર દબાવો. પપ્પા સાચુ કહુ મને તો એવુ લાગે છે કે તમને ગાડી ચલાવતા આવડતું જ નથી."
પિતાએ થોડા ગુસ્સા સાથે કહ્યુ, " બેટા, મેં તને કહ્યુ તો ખરુ કે જે ગાડી આપણને ઓવરટેઇક કરીને આગળ જતી રહે છે એ બધી જ ગાડીની એન્જીનની ક્ષમતા આપણી ગાડીના એન્જીનની ક્ષમતા કરતા વધુ છે એટલે આપણી આગળ નીકળી જાય એ સ્વાભાવિક છે." પિતા દિકરાને આગળ કંઇ કહે એ પહેલા એક સ્પોર્ટસ કાર આવીને સડસડાટ જતી રહી. દિકરો હવે એમની સીટ પર ઉભો થઇ ગયો. એના પપ્પાને કહ્યુ, " પપ્પા, હવે તો સ્વીકારી લો કે તમને ગાડી ચલાવતા નથી આવડતી. એક પછી એક બધી કાર આપણી કારને ઓવરટેઇક કરીને આગળ નીકળી ગઇ."

પાણી પ્રયોગ ..

इनकी इस ख़िदमत और जज़्बे को सलाम..

डॉ शंकर गोवडा..........
यह जो दीवार से पीठ लगाये बैठे हैं इनका नाम है
डॉ. शंकर गोवडा !
रहते हैं कर्णाटक के मंड्या नामक जगह में ! इनकी ख़ास बात ये हैं की ये त्वचा रोग के डॉ हैं और अपने मरीजो से फीस के नाम पर मात्र 5 रुपये लेते हैं !
प्रतिष्ठित कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुऐट शंकर गोवड़ा का अपना कोई क्लिनिक भी नहीं , एक मित्र की दूकान के बगल में थोड़ी सी जगह में बैठे मिलते हैं डॉ साहब !
सबसे बड़ी बात यह है कि यह जो दवायें लिखते हैं वो सस्ती और असरकारक होती हैं ।
आज के दौर में जहाँ डॉक्टर्स के नाम से ही सैंकड़ों हज़ारों रुपयो के खर्च का ख्याल आता हो, एक मसीहा ग़रीबों के लिये काम कर रहा है ।
इनकी इस ख़िदमत और जज़्बे को सलाम ।।

Lions on Road



Lions on Road

शिवलिंग समंदर के भीतर ..



शिवलिंग समंदर के भीतर ..

ચાલીસ પછી ..



ચાલીસ પછી ..

કર્પૂર ગવરમ :( कर्पूरगौरं मंत्र )

કર્પૂર ગવરમ :

जानिए आरती के बाद क्यों बोलते हैं कर्पूरगौरं मंत्र
किसी भी मंदिर में या हमारे घर में जब भी पूजन कर्म होते हैं तो वहां कुछ मंत्रों का जप अनिवार्य रूप से किया जाता है, सभी देवी-देवताओं के मंत्र अलग-अलग हैं, लेकिन जब भी आरती पूर्ण होती है तो यह मंत्र विशेष रूप से बोला जाता है l

कर्पूरगौरं मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
ये है इस मंत्र का अर्थ

इस मंत्र से शिवजी की स्तुति की जाती है। इसका अर्थ इस प्रकार है-
कर्पूरगौरं- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले।
करुणावतारं- करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं।
संसारसारं- समस्त सृष्टि के जो सार हैं।
भुजगेंद्रहारम्- इस शब्द का अर्थ है जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं।
सदा वसतं हृदयाविन्दे भवंभावनी सहितं नमामि- इसका अर्थ है कि जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं, उनको मेरा नमन है।
मंत्र का पूरा अर्थ-
जो कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं और भुजंगों का हार धारण करते हैं, वे भगवान शिव माता भवानी सहित मेरे ह्रदय में सदैव निवास करें और उन्हें मेरा नमन है।
यही मंत्र क्यों….
किसी भी देवी-देवता की आरती के बाद कर्पूरगौरम् करुणावतारं….मंत्र ही क्यों बोला जाता है, इसके पीछे बहुत गहरे अर्थ छिपे हुए हैं। भगवान शिव की ये स्तुति शिव-पार्वती विवाह के समय विष्णु द्वारा गाई हुई मानी गई है। अमूमन ये माना जाता है कि शिव शमशान वासी हैं, उनका स्वरुप बहुत भयंकर और अघोरी वाला है। लेकिन, ये स्तुति बताती है कि उनका स्वरुप बहुत दिव्य है। शिव को सृष्टि का अधिपति माना गया है, वे मृत्युलोक के देवता हैं, उन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है, पशुपति का अर्थ है संसार के जितने भी जीव हैं (मनुष्य सहित) उन सब का अधिपति। ये स्तुति इसी कारण से गाई जाती है कि जो इस समस्त संसार का अधिपति है, वो हमारे मन में वास करे। शिव श्मशान वासी हैं, जो मृत्यु के भय को दूर करते हैं। हमारे मन में शिव वास करें, मृत्यु का भय दूर हो।
ॐ नमः शिवाय

When your children desire..



When your children desire 
to talk to you and share their problems with you, 
stop everything and listen to them. 
There is nothing more important than that.

पृथ्वी मुद्रा के कुछ प्रयोग और फायदे ..




sorry..

Vipul Dave's photo.

સસરા એ જવાબ આપ્યો ..

पापा चाय ..

પથ્થર પ્રતિમા બન્યો


પથ્થર પ્રતિમા બન્યો
 એ જોઈ હૈયું હરખી ગયું,

પણ પ્રતિમા ને પૂજનારો 
પથ્થર જ રહ્યો,

જોઈને દિલ રડી પડયું !

Superb Attitude


This story is about a person working with a freezer plant.
It was almost the day end. Everyone had packed up to check out.
A technical snag developed in the plant and he went to check.
By the time he finished it was late. The doors were sealed and the lights were off.
Trapped inside the ice plant for the night without air and light, an icy grave was almost sure for him.
Hours passed thus. Suddenly he found someone opening the door.
Was it a miracle?
The security guard entered there with a torch and helped him to come out.
On the way back the person asked the security guard, “How did you know that I was inside? Who informed you?” the guard said, “No one sir; this unit has about 50 people. But you are the only one who says Hello to me in the morning and Bye in the evening.
You had reported in morning. But did not go out. That made me suspicious.”
He never knew a small gesture of greeting someone would prove to be a lifesaver for him.
You never know - it may work a miracle in your life too.

*Education is not a degree or certificate that can be shown to others as proof. It is our attitude, actions, language and behaviour with others in real life*
😊😊👍👍

હે ઇશ્વર જો તારે મને કાંઈ આપવું જ હોય તો..

એક દિવસ એક શાળાના શિક્ષિકાએ પોતાના વિદ્યાર્થીઓને કહ્યું કે ચાલો બાળકો
આજે તમે એક નિબંધ લખીને મને આપો.
નિબંધનો વિષય છે — " જો ભગવાન તમને કાંઇ માંગવાનું કહે તો ... ...
ઇશ્વરની પાસે તમે શું માંગશો ??? ”
બાળકોએ તો ઉત્સાહમાં આવી નિબંધ લખી આપ્યો.

ત્યારબાદ શિક્ષિકા તે નિબંધો ઘેર તપાસવા લઇ ગયા.
સાંજે જ્યારે તે નિબંધો તપાસી રહ્યા હતા.
ત્યાં તેમના પતિ રૂમમાં આવ્યા ને જોયું તો તે શિક્ષિકા રડી રહ્યા હતા.
તેમણે પૂછ્યું, " કેમ શું થયું???કેમ રડો છો??? ”
શિક્ષિકાએ કહ્યું, " હું મારા વિદ્યાર્થીઓનાં નિબંધો તપાસું છું "
તેમના પતિને એક કાગળ આપતા તે બોલ્યાં’ “ જુઓ, તમે પણ આ નિબંધ વાંચી જુઓ "
તેમના પતિએ નિબં ધ વાંચ્યો. તેમાં તે બાળકે લખ્યું હતું —
” હે ઇશ્વર જો તારે મને કાંઈ આપવું જ હોય તો તું મને ... ટેલીવીઝન
(ટી.વી.) બનાવી દે.
હું તેનું સ્થાન ગ્રહણ કરવા માંગું છું.
હું ટી.વીની જેમ ઘરમાં રહેવા માંગું છું.
જેને માટે ઘરમાં ખાસ જગ્યા હોય.
મારી આસપાસ મારાં કુટુંબનાં તમામ સભ્યો હોય.
અને સાચ્ચે જ હું ગંભીર રીતે આ કહું છું જેથી મારા કુટુંબનાં તમામ
સભ્યોનું હું મારા તરફ જ ધ્યાન ખેંચી શકું.
તેઓ કોઇ પણ ખલેલ પાડ્યા વગર મને એકચિત્તે સાંભળે અને કોઇ સવાલો ન પૂછે.
જ્યારે ટીવી બંધ હોય ત્યારે પણ લોકો જેમ તેની ખાસ સંભાળ રાખે છે તેમ મારી
પણ સંભાળ રાખે.
જ્યારે પપ્પા કામ પરથી ઘેર આવે ત્યારે તેઓ સખત થાકેલા હોવા છતાં હું ટીવી
બની ગયો હોવાથી મને તેમની કંપની
મળી રહે.
અને હું મારી મમ્મી જ્યારે દુઃખી હોય કે ટેન્શનમાં હોય ત્યારે મને
અવગણવાને બદલે મને જ જોવા ઝંખે.
અને…… મારી સાથે રહેવા માટે મારા ભાઇબહેનો લડાલડી કરે.
હું તેવું અનુભવવા માંગું છું કે બધી જ વસ્તુઓ એક બાજુએ મૂકીને
કુટુંબનાં સભ્યો મારા માટે સમય ફાળવે.અને છેલ્લે મને
ટી.વી બનાવી દો જેથી હું મારા કુટુંબને સુખ, આનંદ આપી શકું અને તેમનું
મનોરંજન કરી શકું.”
હે ભગવાન હું બીજું કાંઇ નથી માંગતો પણ ઇચ્છું છું કે તમે મને ટી.વી બનાવી દો.
શિક્ષિકાની આંખોમાંથી ચોધાર આંસુ વહી રહ્યાં હતાં.
તેમના પતિ બોલ્યા, " હે ભગવાન !!! બિચારું બાળક !!!! કેવા ભયાનક
માતા-પિતા છે !!!!! ”
શિક્ષિકા ચોધાર આંસુ સારતાં પોતાના પતિની સામે જોયું અને દયામણા અવાજે બોલ્યા,
” આ નિબંધ આપણા દીકરાએ લખેલો છે.”

જીવનમાં તક પણ ..

એક વખત ચોમાસાની મોસમમાં અતિવરસાદને કારણે પુર આવ્યુ. પુરના પાણી એક ગામમાં ઘુસ્યા અને ગામલોકો પોતાનો જીવ બચાવવા માટે ગામ છોડીને સલામત સ્થળે જવા રવાના થયા. ગામની ભાગોળે શિવજીનું મંદિર આવેલું હતું. એક યુવક દોડતો મંદિરે ગયો અને મંદિરના પુજારીને કહ્યુ , " પુજારીજી પુરના પાણી ગામમાં ઘુસી ગયા છે અને હવે આ મંદિરમાં પણ પાણી ભરાવાના શરુ થયા છે. ગામના બધા જ લોકો સલામત સ્થળે જતા રહ્યા છે. આપ એક જ બાકી છો અને હું આપને લેવા માટે આવ્યો છું આપ મારી સાથે ચાલો."

પુજારીજી એ કહ્યુ , " હું તમારા બધા જેવો નાસ્તિક નથી મને મારા પ્રભુમાં પુરી શ્રધ્ધા છે અને એ મને બચાવવા માટે જરુર આવશે. મને મારા ભગવાન પર ભરોસો છે તમારી મદદની કોઇ જરુર નથી. "

યુવાન તો જતો રહ્યો. થોડા સમયમાં પાણી મંદિરમાં આવી ગયુ અને કેડ સુધી પહોંચી ગયુ. પુજારીજી મંદિરના ઓટલા પર ચઢી ગયા. થોડીવાર પછી ત્યાં એક સૈનિક હોડી લઇને આવ્યો અને પુજારીજીને હોડીમાં આવી જવા માટે વિનંતી કરી. પુજારીજીએ હોડીમાં બેસવાની પણ ના પાડી અને યુવાનને આપ્યો હતો એવો જ જવાબ સૈનિકને પણ આપ્યો.

સૈનિકના ગયા પછી પાણી વધ્યુ અને છત સુધી આવી ગયુ. પુજારીજી મંદિરના શિખર પર ચઢી ગયા. ઉપરથી એક હેલીકોપ્ટર પસાર થયુ. હેલીકોપ્ટરમાંથી એક દોરડાની સીડી નીચે ફેંકવામાં આવી જેથી પુજારીજી દોરડુ પકડીને ઉપર આવી શકે. પણ પુજારીજીએ દોરડુ ન પકડ્યુ. પાણી સતત વધતુ રહ્યુ. પુજારી ડુબી ગયા અને મૃત્યુ પામ્યા.

ઉપર જતાની સાથે જ રાડારાડી શરુ કરી. એમને ભગવાનની સામે લાવવામાં આવ્યા એટલે ભગવાનને ફરીયાદ કરી. " મેં તમારી આટલી સેવા-પૂજા કરી અને આટલો વિશ્વાસ રાખ્યો તો પણ તમે મને બચાવવ કેમ ન આવ્યા ? " ભગવાને હસતા હસતા કહ્યુ , " અરે પાગલ , હું એક વાર નહી ત્રણ વાર તને બચાવવા માટે આવ્યો હતો. પ્રથમ વખત ગામનો યુવાન બનીન, બીજીવાર સૈનિક બનીને અને ત્રીજીવાર હેલીકોપ્ટર લઇને. પણ તું મને ઓળખી જ ન શક્યો તો એમા મારો શું વાંક ? "

મિત્રો , જીવનમાં તક પણ કોઇ જાતની ઓળખાણ વગર સાવ અજાણી બનીને આવે છે આપણે એને ઓળખી શકતા નથી અને પછી મને આગળ વધવા માટેની કોઇ તક મળતી જ નથી એવી ફરીયાદો કર્યા કરીએ છીએ.