सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को


हे शिव शम्भु .....

✡सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को।
मिल जाये तरुवर की छाया॥
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है।
मैं जब से शरण तेरी आया, मेरे भोलेनाथ॥

🌹भटका हुआ मेरा मन था।
कोई मिल ना रहा था सहारा॥
लहरों से लगी हुई नाव को जैसे।
मिल ना रहा हो किनारा ॥

✡इस लडखडाती हुई नाव को जो।
किसी ने किनारा दिखाया॥
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है,
मैं जब से शरण तेरी आया मेरे भोलेनाथ॥

🌹शीतल बने आग चन्दन के जैसी।
भोलेनाथ  कृपा हो जो तेरी ॥
उजयाली पूनम की हो जाये राते।
जो थी अमावस अँधेरी ॥

✡युग युग से प्यासी मुरुभूमि ने ।
जैसे सावन का संदेस पाया ॥
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है।
मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे भोलेनाथ॥

🌹जिस राह की मंजिल तेरा मिलन हो।
उस पर कदम मैं बड़ाऊ ॥
फूलों मे खारों मे पतझड़ बहारो मे ।
मैं ना कबी डगमगाऊ॥

✡पानी के प्यासे को तकदीर ने जैसे ।
जी भर के अमृत पिलाया ॥
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है।
मैं जब से शरण तेरी आया मेरे भोलेनाथ ॥

वैष्णव के गले में तुलसी की कण्ठी


वैष्णव के गले में तुलसी की कण्ठी

वैष्णव इसलिये गले में तुलसी की कण्ठी धारण करते हैं । 
ये शरीर भोग के लिये नहीं है-यह शरीर भगवान् को अर्पण हो गया ।
जिस वस्तु में आप तुलसी-पत्र रखतेहो, वह कृष्णार्पण हो जाती है । 
तुलसी-पत्र के बिना भगवान् स्वीकार नहीं करते। 

गले में तुलसी की माला धारण करने का अर्थ यह है कि,
यह शरीर अब भगवान् को अर्पण हुआ है ।

अब यह शरीर भगवान् का है सो अब नीजी भोग के लिये नहीं है ।

बहुत-से लोग गले में तुलसी की कंठी तो धारण करते हैं-
उसका अर्थ नहीं समझते ।

जय श्री कृष्ण, हरी बोल

जीवन एक क्रिकेट है..


    
जीवन एक क्रिकेट है सृष्टि के स्टेडियम में धरती की विराट पिच पर समय बोलिंग कर रहा है ,

शरीर बल्लेबाज है 
धर्मराज एम्पायर है, 
बीमारिया फील्डिंग कर रही है,
यमराज विकेट-कीपर है, 
और प्राण विकेट है, 

इस डे-नाइट के मैच में हमे रचनात्मकता के जलवे दिखाना है,
साँसों के सिमित ओवर में सर्जन के रन बनाना है,
गिल्लियां उड़ने का अर्थ है साँस का टूट जाना,
एल.बी.डब्ल्यू.यानि हॉट अटेक,
दुर्घटना में मरना रन आउट कहलाता है,
और आत्मघात का मतलब हिट विकेट हो जाना ,
हत्या का अर्थ स्टम्प आउट होना,

हलाकि कुछ आक्रामक खिलाडी जल्दी पवेलियन लौट जाते है 
पर पारी ऐसी खेलते है, कि कीर्तिमान बना जाते है, 

सबका अपना-अपना रन रेट  है, 
सच में देखा जाये तो ..जीवन एक क्रिकेट है,

... मुनि श्री तरुणसागरजी,

*परिवार से बड़ा कोई*



         *परिवार से बड़ा कोई* 
            *धन नहीं!*


            *पिता से बड़ा कोई* 
            *सलाहकार नहीं!*


            *माँ की छाव से बड़ी*
             *कोई दुनिया नहीं!*


            *भाई से अच्छा कोई*  
            *भागीदार नहीं!*


            *बहन से बड़ा कोई*
            *शुभचिंतक नहीं!*


            *पत्नी से बड़ा कोई*
            *दोस्त नहीं*


               *इसलिए*
            *परिवार के बिना*
            *जीवन नहीं*!!
          


Happy Family

मोर की आवाज़ है शुभ

मोर की आवाज़ है शुभ

किसी कार्य के आरम्भ में अथवा यात्रा में मोर की आवाज सुनाई दे तो उस कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी

१ – घर के दक्षिण-पूर्व कोण में लगाने से बरकत बढती है. व अचानक कष्ट नहीं आता है.

२ – यदि मोर का एक पंख किसी मंदिर में श्री राधा-कृष्ण कि मूर्ती के मुकुट में ४० दिन के लिए स्थापित कर प्रतिदिन मक्खन-मिश्री का भोग सांयकाल को लगाए, ४१वें दिन उसी मोर के पंख को मंदिर से दक्षिणा-भोग दे कर घर लाकर अपने खजाने या लाकर्स में स्थापित करें. तो आप स्वयं ही अनुभव करेंगे कि धन,सुख-शान्ति कि वृद्धि हो रही है. सभी रुके कार्य भी इस प्रयोग के कारण बनते जा रहे है.

३ – काल-सर्प के दोष को भी दूर करने की इस मोर के पंख में अद्भुत क्षमता है.काल-सर्प वाले व्यक्ति को अपने तकिये के खौल के अंदर ७ मोर के पंख सोमवार रात्री काल में डालें तथा प्रतिदिन इसी तकिये का प्रयोग करे. और अपने बैड रूम की पश्चिम दीवार पर मोर के पंख का पंखा जिसमे कम से कम ११ मोर के पंख तो हों लगा देने से काल सर्प दोष के कारण आयी बाधा दूर होती है.

४ – बच्चा जिद्दी हो तो इसे छत के पंखे के पंखों पर लगा दे ताकि पंखा चलने पर मोर के पंखो की भी हवा बच्चे को लगे धीरे-धीरे हठ व जिद्द कम होती जायेगी.

५ – जैसे कि पहलें वर्णन किया कि मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है. यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार में या अपनी  जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है. तथा घर में सर्प, मच्छर, बिच्छू आदि विषेलें जंतुओं का भय नहीं रहता है.

६ – नवजात बालक के सिर की तरफ दिन-रात एक मोर का पंख चांदी के ताबीज में डाल कर रखने से बालक डरता नहीं है तथा कोई भी नजर दोष और अला-बला से बचा रहता है.

७ – यदि शत्रु अधिक तंग कर रहें हो तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में उसका नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए चलते पानी में भा देने से शत्रु, शत्रुता छोड़ कर मित्रता का व्यवहार करने लगता है. इस प्रकार के अनेकों प्रयोगों का धर्मशास्त्रों में वर्णन मिलता है

*श्री कृष्ण स्तुति*

🕉 *श्री कृष्ण स्तुति* 🕉

कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्षःस्थले कौस्तुभं नासाग्रे नवमौक्तिकं करतले वेणुं करे कङ्कणम् । सर्वाङ्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलिं गोपस्त्री परिवेष्टितो विजयते गोपाल चूडामणिः ॥

*अर्थ :* हे श्रीकृष्ण! आपके मस्तक पर कस्तूरी तिलक सुशोभित है। आपके वक्ष पर देदीप्यमान कौस्तुभ मणि विराजित है। आपने नाक में सुंदर मोती पहना हुआ है। आपके हाथ में बांसुरी है और कलाई में आपने कंगन धारण किया हुआ है। हे हरि! आपकी सम्पूर्ण देह पर सुगन्धित चंदन लगा हुआ है और सुंदर कंठ मुक्ताहार से विभूषित है। आप सेवारत गोपियों के मुक्ति प्रदाता हैं। हे ईश्वर! आपकी जय हो। आप सर्वसौंदर्यपूर्ण हैं।'
🌹🌹🌹🌹🌹

*मनुष्य को पांच ऋण चुकाने होते हैं:-*

*मनुष्य को पांच ऋण चुकाने होते हैं:-*

_👉1. माता का ऋण_
_👉2. पिता का ऋण_
_👉3. गुरु का ऋण_
_👉4. घरती का ऋण_
_👉5. धर्म का ऋण_

*इन ऋणो को चुकाने के निम्न उपाय कहे गए हैं  👇*

_👉1. माता का ऋण चुकाने के लिये कन्या दान करना चाहिए।_
_👉2. पिता का ऋण चुकाने के लिए संतान उत्पति करनी चाहिए।_
_👉3. गुरु ऋण चुकाने के लिए लोगों को शिक्षित करना चाहिए।_
_👉4. घरती का ऋण चुकाने के लिए कृषि करें या पेड लगाएं।_
_👉5. धर्म का ऋण चुकाने के लिये धर्म की रक्षा व धर्म का प्रचार के लिए समय दें।                                                                     
"मन" का झुकना बहुत ज़रूरी है...
केवल सर झुकाने से श्रीराम नहीं मिलते..

*वैचारिक आँकलन -*

*वैचारिक आँकलन -*
एक पुत्र अपने पिता के विषय में उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर क्या विचार रखता है....

*4 वर्ष    :*  मेरे पापा महान है ।

*6 वर्ष    :*  मेरे पापा सबकुछ जानते है, वे सबसे होशियार है।।    

*10 वर्ष  :*  मेरे पापा अच्छे है, परन्तु गुस्से वाले है।

*12 वर्ष  :*  मैं जब छोटा था, तब मेरे पापा मेरे साथ अच्छा व्यवहार करते थे ।

*16 वर्ष  :*  मेरे पापा वर्तमान समय के साथ नही चलते, सच पूछो तो उनको कुछ भी ज्ञान ही  नही है !

*18 वर्ष  :*  मेरे पापा दिनों दिन चिड़चिड़े और अव्यवहारिक होते जा रहे है।

*20 वर्ष  :*  ओहो... अब तो पापा के साथ रहना ही असहनीय हो गया है....मालुम नही मम्मी इनके साथ कैसे रह पाती है।

*25 वर्ष  :*  मेरे पापा हर बात में मेरा विरोध करते है, कौन जाने, कब वो दुनिया को समझ सकेंगे।

*30 वर्ष  :*  मेरे छोटे बेटे को सम्भालना मुश्किल होता जा रहा है... बचपन में मै अपने पापा से कितना डरता था ?

*40 वर्ष  :*  मेरे पापा ने मुझे कितने अनुशासन से पाला था, आजकल के लड़को में कोई अनुशासन और शिष्टाचार ही नही है।

*50 वर्ष  :*  मुझे आश्चर्य होता है, मेरे पापा ने कितनी मुश्किलें झेल कर हम चार भाई-बहनो को बड़ा किया, आजकल तो एक सन्तान को बड़ा करने में ही दम निकल जाता है।

*55 वर्ष  :*  मेरे पापा कितनी दूरदृष्टि वाले थे, उन्होंने हम सभी भाई-बहनो के लिये कितना व्यवस्थित आयोजन किया था, आज वृद्धावस्था में भी वे संयमपुर्वक जीवन जी सकते है।

*60 वर्ष  :*  मेरे पापा महान थे, वे जिन्दा रहे तब तक हम सभी का पूरा ख्याल रखा।
सच तो यह है की..... पापा ( पिता ) को अच्छी तरह समझने में पुरे 60 साल लग गये ।

*कृपया आप अपने पापा को समझने में इतने वर्ष मत लगाना, समय से चेत जाना, और पिता की महानता को बराबर समझ लेना......।*

लेकिन फिर भी मैं हूँ।

मैं अकेला हूँ,

 लेकिन फिर भी मैं हूँ। 

मैं सबकुछ नहीं कर सकता, 

लेकिन मैं कुछ तो कर सकता हूँ 

और सिर्फ इसलिए कि 

मैं सब कुछ नहीं कर सकता, 

मैं वो करने से पीछे नहीं हटूंगा 

जो मैं कर सकता हूँ।

☄जीवन के तीन मंत्र☄

☄जीवन के  तीन मंत्र☄

☄ आनंद में- वचन मत दीजिये

☄ क्रोध में - उत्तर मत दीजिये

☄ दुःख में - निर्णय मत लीजिये 💐🌹🙏

 💐💎    जीवन मंत्र      💎💐

१) धीरे बोलिये    👉 शांति मिलेगी
२) अहम छोड़िये  👉 बड़े बनेंगे
३) भक्ति कीजिए   👉 मुक्ति मिलेगी
४) विचार कीजिए  👉 ज्ञान मिलेगा
५) सेवा कीजिए    👉 शक्ति मिलेगी
६) सहन कीजिए   👉 देवत्व मिलेगा
७) संतोषी बनिए   👉 सुख मिलेगा.

        "इतना छोटा कद रखिए कि सभी आपके साथ बैठ सकें और
इतना बड़ा मन रखिए कि जब आप खड़े हो जाऐं तो कोई बैठा न रह सके"

Stone..


Vastu tips

बाथरूम में दर्पण से हो सकता है नुकसान

बाथरूम घर का एक अहम हिस्सा होता है। हर दिन की शुरूआत आमतौर पर यहीं से होती है क्योंकि सुबह उठते ही सबसे पहले फ्रेश होने के लिए हम बाथरूम पहुंचते हैं। इसलिए जरूरी है कि बाथरूम सुन्दर दिखने के साथ ही साथ सकारात्मक उर्जा प्रदान करने वाला हो ताकि पूरा दिन अच्छा बीते। यही कारण है कि बहुत से लोग बाथरूम में टाईल्स लगवाते हैं और कई एक्सेसरीज से सजा कर रखते हैं। फेस वॉश करने के बाद अथवा स्नान करने के बाद खुद को देखने के लिए लोग बाथरूम में दर्पण भी लगाते हैं।

चीनी वास्तुविज्ञान के अनुसार बाथरूम में दर्पण लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दर्पण दरवाजे के ठीक सामने नहीं हो। दर्पण का काम होता है परावर्तन यानी रिफ्लैक्ट करना। जब हम बाथरूम में प्रवेश करते हैं तो हमारे साथ सकारात्मक और नकारात्मक उर्जा दोनों ही बाथरूम में प्रवेश करते हैं।

जब हम सोकर उठते हैं तब नकारात्मक उर्जा की मात्रा अधिक होती है। दरवाजे के सामने दर्पण होने से हमारे साथ जो भी उर्जा बाथरूम में प्रवेश करती हैं वह वापस घर में लौट आती है। दर्पण के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए बाथरूम में दर्पण इस प्रकार से लगाना चाहिए ताकि इसका रिफ्लैक्शन बाथरूम से बाहर की ओर नहीं हो।

फेंगशुई में यह भी कहा गया है कि बेडरूम में दर्पण नहीं लगाना चाहिए। बेडरूम में दर्पण का रिफ्लैक्शन बेड पर होने से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पति अथवा पत्नी में से किसी एक की तबीयत अक्सर खराब रहती है। कुछ लोग दर्पण को मुख्य द्वार के सामने लगाते हैं। फेंगशुई के अनुसार यह भी गलत है। इससे घर में आने वाली सकारात्मक उर्जा भी वापस लौट जाती है जिससे प्रगति की रफ्तार धीमी पड़ जाती है।
जय श्री महाकाल
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