मैं " से मुक्त होना ही मोक्ष है।

गीता में बहुत सुंदर लिखा हुआ है....

अहँकार से...
जिस व्यक्ति का मन मैला है,
करोड़ों की भीड़ में भी...
वो सदा अकेला है !!
मैं मोक्ष चाहता हूँ, मैं मोक्ष को
कैसे पाऊँ...??
अजीब बात है अगर " मैं " हो तो
मोक्ष कैसा
" मैं " से मुक्त होना ही मोक्ष है।

🙏 जय श्री कृष्ण जी
जय श्री राम
       🌹🌹राधे राधे 🌹🌹