क्रोध न कीजिय

क्रोध सोमवार को आये, तो कहना कि
सप्ताह की शुरुआत है - आज नहीं करूँगा ।

मंगलवार को आये, तो बोलना कि
 मंगल में अमंगल क्यों करूँ ।

बुध को आये, तो कहना कि
बुध तो शुद्ध है - इसे अशुद्ध क्यों करुँ ।

गुरुवार को आये, तो बोलना
आज तो गुरु का दिन है - मन में शान्ति रखना है ।

शुक्रवार को आये, तो कहना कि
शुक्र को तो शुक्रिया अदा करना है भगवान का ।

शनिवार को आये, तो सोचना कि
शनि के दिन घर में शनिचर क्यों आयें।

और रविवार को आये, तो कहना-
आज तो छुट्टी का दिन है ।

खुश रहिये, मुस्कराते रहिये और हाँ,
कभी क्रोध न कीजिय