*चारधाम*
*चारधाम की स्थापना आद्य शंकराचार्य ने की।
उद्देश्य था उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम चार दिशाओं में स्थित
इन धामों की यात्रा कर मनुष्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को जाने-समझें।*
*1. बदरीनाथ धाम*
*कहां है- उत्तर दिशा में हिमालय पर अलकनंदा नदी के पास*
*प्रतिमा- विष्णु की शालिग्राम शिला से बनी चतुर्भुज मूर्ति।* *इसके आसपास बाईं ओर* *उद्धवजी तथा दाईं ओर कुबेर की प्रतिमा।*
*2. द्वारका धाम*
*कहां है- पश्चिम दिशा में गुजरात के जामनगर के पास समुद्र तट पर।*
*प्रतिमा- भगवान श्रीकृष्ण।*
*3. रामेश्वरम*
*कहां है- दक्षिण दिशा में तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के बीच रामेश्वर द्वीप।*
*प्रतिमा- शिवलिंग*
*4. जगन्नाथपुरी*
*कहां है- पूर्व दिशा में उड़ीसा राज्य के पुरी में।*
*प्रतिमा- विष्णु की नीलमाधव प्रतिमा जो जगन्नाथ कहलाती है। सुभद्रा और बलभद्र की प्रतिमाएं भी।*
*चारधाम की स्थापना आद्य शंकराचार्य ने की।
उद्देश्य था उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम चार दिशाओं में स्थित
इन धामों की यात्रा कर मनुष्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को जाने-समझें।*
*1. बदरीनाथ धाम*
*कहां है- उत्तर दिशा में हिमालय पर अलकनंदा नदी के पास*
*प्रतिमा- विष्णु की शालिग्राम शिला से बनी चतुर्भुज मूर्ति।* *इसके आसपास बाईं ओर* *उद्धवजी तथा दाईं ओर कुबेर की प्रतिमा।*
*2. द्वारका धाम*
*कहां है- पश्चिम दिशा में गुजरात के जामनगर के पास समुद्र तट पर।*
*प्रतिमा- भगवान श्रीकृष्ण।*
*3. रामेश्वरम*
*कहां है- दक्षिण दिशा में तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के बीच रामेश्वर द्वीप।*
*प्रतिमा- शिवलिंग*
*4. जगन्नाथपुरी*
*कहां है- पूर्व दिशा में उड़ीसा राज्य के पुरी में।*
*प्रतिमा- विष्णु की नीलमाधव प्रतिमा जो जगन्नाथ कहलाती है। सुभद्रा और बलभद्र की प्रतिमाएं भी।*