*"उसको तो फ़र्क पड़ता है"*
एक बार समुद्री तूफ़ान के बाद हजारों लाखों मछलियाँ किनारे पर रेत पर तड़प तड़प कर मर रहीँ थीं !
इस भयानक स्थिति को देखकर पास में रहने वाले एक 6 वर्ष के बच्चे से रहा नहीं गया,
और वह एक एक मछली उठा कर समुद्र में वापस फेकनें लगा !
यह देख कर उसकी माँ बोली,
बेटा लाखों की संख्या में है ,
तू कितनों की जान बचाएगा ,
यह सुनकर बच्चे ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी,
माँ फिर बोली बेटा रहनें दे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !
बच्चा जोर जोर से रोने लगा और एक मछली को समुद्र में फेकतें हुए जोर से बोला माँ
"इसको तो फ़र्क पड़ता है"
दूसरी मछली को उठाता और फिर बोलता माँ "इसको तो फ़र्क पड़ता हैं" !
माँ ने बच्चे को सीने से लगा लिया !
*हो सके तो लोगों को हमेशा होंसला और उम्मीद देनें की कोशिश करो,
न जानें कब आपकी वजह से किसी की जिन्दगी वदल जाए!
क्योंकि आपको कोई फ़र्क नहीं पड़ता पर ....
"उसको तो फ़र्क पड़ता है!*"