'परिस्थिति' बदले तो ..




गुरू से शिष्य ने कहा: 

गुरूदेव ! एक व्यक्ति ने आश्रम के लिये 
गाय भेंट की है।

गुरू ने कहा - अच्छा हुआ । 
दूध पीने को मिलेगा।

एक सप्ताह बाद शिष्य ने आकर 
गुरू से कहा: गुरू ! जिस व्यक्ति ने गाय दी थी, 
आज वह अपनी गाय वापिस ले गया ।

गुरू ने कहा - अच्छा हुआ ! 
गोबर उठाने की झंझट से मुक्ति मिली।

'परिस्थिति' बदले तो अपनी ,
'मनस्थिति' बदल लो । 

बस दुख सुख में बदल जायेगा.। 

"सुख दुख आख़िर दोनों
मन के ही तो समीकरण हैं।"