भूल जाएँगे कि मेरी याददाश्त शक्ति कमजोर है।

दोस्तों आज में स्मरणशक्ति के विषय पर बात करना चाहूँगा।

दोस्तों स्मरणशक्ति एक ऐसा विषय है जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है। क्योंकि आज की आपाधापी के समय में हर कोई यही कहता नजर आता है कि मेरी याददाश्त कमजोर है या जो पढ़ता हूँ याद नहीं रहता।

इसीलिये दोस्तों आजकल स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए बाजार में तरह-तरह के प्रोडक्ट्स आते हैं। मगर वास्तव में किसी की भी स्मरणशक्ति कमजोर नहीं होती, न ही इस पर उम्र का कोई फर्क पड़ता है।

बस दोस्तों हम ईतना ध्यान रखें कि हमारे विचारों में नकारात्मक सोच नहीं आनी चाहिए, बल्कि सोच सदैव सकारात्मक ही होनी चाहिए। क्योंकि दोस्तों हम उपन्यास, कोई भी कहानी या फिल्म या नाटक आदि देखते है तो हमें घटनाक्रम से लेकर पात्रों के नाम, कहानी आदि भी याद रहते हैं। कभी-कभी गाने भी याद रह जाते हैं। क्योंकि वास्तव में हम जब फिल्में देख रहे होते हैं या उपन्यास आदि पढ़ रहे होते हैं या कोई नाटक देख रहे होते हैं तब हम उसे याद नहीं करते बस हमारी आँखों के सामने से व हमारी स्मृति पटल से गुजारते जाते हैं। क्योंकि हम उसे याद नहीं करते और दिमाग पर जोर नहीं डालते और बस पढ़ते जाते हैं या सिर्फ देखते जाते हैं और वह हमें याद हो जाता है।

और दोस्तों जब हम कोई घटना या किसी का नाम याद रखने की कोशिश करते हैं तो हमारे मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है और जब मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है तो वह घटना या किसी का नाम याद नहीं आता! जैसे ही हम उसे याद करना बंद कर देते है व दूसरे काम में लग जाते हैं तो वह घटना हमें शीघ्र याद आ जाती है क्योंकि उस वक्त हम उसे याद नहीं करते।

दूसरी बात की दोस्तों हम रात को सोते वक्त ध्यान करें कि सुबह उठने से लेकर सोते वक्त तक क्या-क्या किया। किस-किस से मिले। क्रमवार ध्यान करते जाएँ। लगभग एक माह में आपको सारा घटनाक्रम हूबहू याद हो जाएगा।

तीसरी क्रिया आत्म सम्मोहन की है। सर्वप्रथम हम हाथ-पैर धोकर रात्रि में एक खुशबूदार अगरबत्ती लगाकर बिस्तर पर लेट जाएँ व तीन बार गहरी-गहरी साँसे लें व धीरे-धीरे छोड़ें फिर अपने दोनों पैरों को ढीला छोड़ दें फिर दोनों हाथ, सिर व पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। फिर कहें मेरी आँखों मेंएक सम्मोहक नींद समाती जा रही है। ऐसा कम से कम दस बार करें। फिर अपने आपको निर्देश दें कि आज जो भी पढ़ा या लिखा मुझे हमेशा जीवन भर ध्यान में रहेगा और जब भी मैं उसे लिखना चाहूँगा, लिख दूँगा या बताना चाहूँगा बता दूँगा। अब से मेरी याद्दाश्त पहले से अधिक बढ़ गई है। ऐसा क्रम एक माह तक करें फिर देखें कि आपकी से स्मरणशक्ति चमत्कारिक रूप से बढ़ गई है।

यदि दोस्तों हमने उपरोक्त बातों का ध्यान रखा तो हम यह कहना भूल जाएँगे कि मेरी याददाश्त शक्ति कमजोर है।